आबकारी विभाग में एक बार फिर ठेकेदारों और आबकारी विभाग की सांठगांठ का पर्दाफाश हुआ है। बैंगलुरू के एक ठेकेदार द्वारा मात्र 7 हजार रुपए की एफडी (FD)को 40 लाख की बताकर ठेके की एडवांस राशि की एफडीआर दी गई और मात्र 47 हजार रुपए की एफडी को चार करोड़ 40 लाख की बताकर इतनी राशि का इंदौर में एमआईजी दुकान का शराब ठेका ले लिया गया और इसे बिंदास चलाता रहा। जब जून महीने में आबकारी विभाग ने संबंधित आईसीआईसीआई बैंक मालव परिसर से एडवांस राशि 40 लाख आबकारी के खाते में जमा कराने की बात कही तो बैंक ने बताया कि खाते में 40 लाख नहीं केवल सात हजार रुपए है। इसके बाद जब विभाग ने फिर मूल बैंक गारंटी 5 करोड़ 40 लाख की बात पूछी,तो बताया गया ठेकेदार मोहन कुमार और अनिल सिन्हा डायरेक्टर महुआ टीवी बैंगलुरू के इस खाते में मात्र 47 हजार रुपए ही हैं। इस घोटाले के सामने आने के बाद सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजीव मुदगल की ओर से थाना रावजी बाजार में मोहन कुमार और अनिल सिन्हा के खिलाफ धोखाधड़ी,कूटरचित दस्तावेज बनाने आदि विविध धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
इस मामले में आबकारी आयुक्त राजीव दुबे ने चुप्पी साध ली थी। सहायक आयुक्त आबकारी राजनारायण सोनी ने एफआईआर कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। बताया जा रहा है कि इस मामले में खुद को बचाने के लिए विभाग ने बैकडेट में ठेकेदार के खिलाफ नोटिस,पत्राचार किए हैं ताकि किसी भी कार्रवाई से खुद को बचाया जा सकें। लेकिन इंदौर कलेक्टर द्वारा तत्काल मामले में कार्यवाही करने के लिए कहा गया जिसके बाद सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय इंदौर में 5 करोड़ 40 लाख 10 हजार के फर्जी FD घोटाले में ADEO उपाध्याय को आबकारी आयुक्त राजीव चन्द्र दुबे ने निलंबित कर दिया प्रथम दृष्टया उपाध्याय की गलती और फर्जी FD देने वाले फरार लायसेंसी से सांठ गांठ सामने आई .