मेष- शुक्र आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेगा. शुक्र आपकी राशि में सबसे ज्यादा कमजोर स्थिति में होंगे. आपको कई प्रकार की विपरीत परिस्थितियों से दो-चार होना पड़ सकता है. धन को सही रणनीति और सही योजना के साथ ही खर्च करने की जरूरत होगी. आगे चलकर आर्थिक तंगी भी हो सकती हैं. इस दौरान धन को लेकर किसी भी तरह के लेन-देन को न करें. यदि आप पार्टनरशिप में बिजनेस करते हैं तो सतर्क रहें.
वृषभ- शुक्र देव आपके पंचम भाव भाव में जाएंगे. आपको संतान पक्ष की ओर से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है. समाज में आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी. कार्यक्षेत्र पर आपको धन कमाने के साथ-साथ प्रगति करने के भी कई अवसर प्राप्त होंगे. चूंकि शुक्र रचनात्मकता और प्रेरक शक्तियों का भी कारक माना जाता है, इसलिए आप अपने विचारों से दूसरों को आकर्षित करने में सफल होंगे.
मिथुन- शुक्र आपकी राशि से चतुर्थ भाव में विराजमान होंगे. कुंडली के चौथे भाव को सुख भाव कहा जाता है. कार्यक्षेत्र पर आपको अच्छे फलों की प्राप्ति होगी. आपके सोचने-समझने की शक्ति भी प्रबल दिखाई देगी. आपकी मां से आपके संबंधों में निखार आएगा. मां का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा. नया वाहन या घर भी लेने का प्लान कर सकते हैं. धन आएगा जरूर, लेकिन उसे सोच समझकर खर्च करें.
कर्क- शुक्र देव आपकी राशि से तृतीय भाव में प्रवेश करेंगे. इस गोचर के दौरान आपके साहर और पराक्रम में वृद्धि होगी. आपके भाई-बहन भी सफल होंगे. कार्यक्षेत्र पर इस गोचर से आपको, अनुकूल फल मिलेंगे. यदि आप नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे थे तो आपको इस समय स्थानांतरण करने के कई अवसर मिलने की संभावना रहेगी. कार्यस्थल पर किसी महिला सहकर्मी और परिवार का सहयोग प्राप्त होगा.
सिंह- कन्या राशि में गोचर करते हुए शुक्र आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेंगे. आपको अच्छे फलों की प्राप्ति होगी. आपको उन्नति और तरक्की करने के भी कई अवसर प्राप्त होंगे. दांपत्य जीवन बढ़ाने की सोच रहे थे तो उसके लिए समय बेहद शुभ है. जीवनसाथी के साथ रोमांटिक समय बिताने का मौका मिलेगा. हालांकि आपको खर्चों से संभलकर रहना होगा.
कन्या- इस गोचर के दौरान शुक्र ग्रह आपकी ही राशि में, यानी आपके प्रथम भाव यानी लग्न भाव में स्थित होंगे. आपका ध्यान अपने लक्ष्य से कुछ भटक सकता है. व्यापार करने वालों की राशि में धन योग बन रहा है जो आपको इस अवधि में आर्थिक और सामाजित लाभ देगा. आपके पिता भी इस समय आपको पूरी तरह सहयोग करते दिखाई देंगे.
तुला- कन्या राशि में गोचर के दौरान शुक्र आपकी राशि से 12वें भाव में प्रवेश करेंगे. जिससे आपको मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी. शुक्र देव की ये स्थिति आपके मन में खुद की योग्यता को लेकर कई प्रकार के संदेह उत्पन्न करेगी. इससे आप असहज महसूस करते हुए बहुत से अच्छे अवसर गंवा सकते हैं. आप अपने दोस्तों एवं करीबियों की मदद से, कोई लाभ उठा सकते हैं.
वृश्चिक- गोचर की इस अवधि में शुक्र आपकी राशि से एकादश भाव में स्थित होंगे, जिससे आपको अनुकूल फलों की प्राप्ति होगी. कुंडली में एकादश भाव को आमदनी का भाव कहा जाता है. करियर और कार्यक्षेत्र के लिए ये गोचर आपके लिए बेहद शुभ रहने वाला है. राशि में धन लाभ और तरक्की के योग बनेंगे. आपका मान-सम्मान बढ़ेगा. साथ ही आपकी जीवन शैली में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा.
धनु- शुक्र आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेंगे, जिससे आपको प्रतिकूल परिणाम प्राप्त होंगे. कार्यक्षेत्र में हर काम से असंतुष्टि महसूस होगी. शत्रु सक्रिय रहेंगे. आप अपनी योग्यताओं को लेकर थोड़ा उलझन में दिखाई देंगे. इस समय धन के लेन-देन से परहेज करें. साथ ही पैसा कमाने के लिए, किसी भी तरह का शॉर्टकट न अपनाएं. दोस्तों और करीबियों से झगड़ा संभव है. पारिवारिक जीवन में भी पिता की खराब सेहत आपके मानसिक तनाव को लगातार बढ़ाने का कार्य करेगी
मकर- गोचर की इस अवधि में शुक्र आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेंगे, जिससे आपको अनुकूल फलों की प्राप्ति होगी. नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे लोगों को अच्छे अवसर प्रदान होंगे. पिता या पिता तुल्य किसी व्यक्ति से आपके संबंध बेहतर होंगे, जिस कारण आपको हर जरूरी सहयोग और सलाह मिलेगी. उच्च शिक्षा की तैयारी के लिए विदेश जाने की इच्छा रखने वाले जातकों को इस गोचर के दौरान विदेश जाने का अवसर प्राप्त होगा.
कुंभ- शुक्र आपकी राशि से अष्टम भाव में स्थित होंगे, जिससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी. अपने काम से आप सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों से भरपूर प्रशंसा पाएंगे. यदि आप व्यापार करते हैं तो आपको शुक्र के इस गोचर के दौरान धन लाभ के कई मौके मिलेंगे. साथ ही आपको अपनी किसी पैतृक संपत्ति से लाभ मिल सकता है.
मीन- शुक्र आपकी राशि से सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे, जिससे आपको सामान्य से अनुकूल फलों की प्राप्ति होगी. हालांकि कार्यक्षेत्र पर आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. किसी बात को लेकर सहकर्मियों के साथ मतभेद हो सकते हैं. स्वास्थ्य के लिहाज से कुछ समस्या हो सकती है. आपको पेट से जुड़ा कोई विकार परेशान कर सकता है.