बेटी की शादी की खुशी के बाद परिवार पर टूटा पहाड़

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राजेश राठौर

बरसों की मेहनत के बाद जीवन में मुकाम पाया। बेटी की शादी की खुशी से राजेंद्र जैन ‘बादशाह गदगद थे। अलंकार पैलेस कालोनी में रहने वाले राजेंद्र कुमार जैन पूल कम्फर्ड में काम करते थे। बीमा का काम भी देख लेते थे। बेटी दिव्या की चित्तौडग़ढ़ जाकर शादी की। 15-16 अगस्त को परिवार में खुशियों का माहौल था। 17 अगस्त को राजेंद्र जैन परिवार सहित इंदौर आ गए।

यहां आने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। कमर दर्द था, एक-दो दिन तो आसपास के डॉक्टरों को दिखाया। फिर तबीयत बिगड़ी, तो 24 अगस्त को भंडारी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। वहां पता चला कि कोरोना है। उसके बाद अरबिंदो अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। वहां फेफड़ों में संक्रमण बढऩे के कारण दो-तीन दिन में मामला और बिगड़ गया। कल शाम बुरी खबर आ गई कि बादशाह नहीं रहे। तबीयत खराब की खबर लगते ही दामाद अपूर्व और बेटी दिव्या 24 अगस्त को कोटा से इंदौर आए थे, तब बादशाह की तबीयत में सुधार था। कल उनकी खबर घर तक पहुंची तो अलंकार पैलेस कालोनी में सब लोग घर से बाहर आ गए।

राजेंद्र जैन का कालोनी में सबसे मेल-जोल था। पड़ोसी कमल राठौर कहते हैं कि राजेंद्र जैन के चले जाने की खबर सुनते ही कालोनी के लोग आंसू नहीं रोक पाए। पूरा परिवार कालोनी में सबसे मिलता-जुलता था। पिछले शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम बादशाह के घर आई थी। घरवालों के साथ ही अड़ोस-पड़ोस और सामने वालों के सैंपल ले गई थी। बादशाह का एक बेटा रोमित पढ़ाई कर रहा है। कोरोना काल से ही इस कालोनी के लोग रोज शाम को हनुमान चालीसा का पाठ करते रहे हैं। कल हर किसी के चेहरे पर छायी उदासी बता रही थी कि बादशाह उनके कितना करीब थे। सत्तावन बरस की उम्र में ही सबको छोड़कर चले गए।