संतों ने सरकार को चेताया- शिप्रा में रोके कान्ह नदी का पानी

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उज्जैन: धार्मिक शहर उज्जैन के साधु संतों ने एक बार फिर सरकार को यह चेतावनी दी है कि वह शिप्रा नदी में कान्ह नदी का पानी रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाए। संतों का यह भी कहना है कि अभी तक कान्ह नदी का पानी शिप्रा में रोकने के जो भी प्रयास किए गए है वह सब कागजी प्रयास ही साबित हुए है। बता दें कि हाल ही में त्रिवेणी घाट के पास प्रशासन द्वारा बनाया गया मिट्टी का डेम बह गया था और इसे लेकर भी संतों ने रोष प्रकट किया है।

संत त्रिवणी घाट पर बने मिटटी के टूटे हुए डेम को देखने पहुंचे। महानिर्वाणी अखाड़े के डॉ. अवधेशपुरी महाराज, मुकुंद पुरी महाराज, आव्हान अखाड़े से महन्त सेवानन्द गिरी महाराज, अग्नि अखाड़े से महन्त रामेश्वरनन्द महाराज, आनन्द अखाड़े से महन्त समुंदर गिरी महाराज, हरि ओम नाथ जी महाराज, दत्त अखाड़े से महन्त राजा पूरी महाराज सहित अन्य अखाड़ों के सन्त महन्त मौजूद रहे। 14 जनवरी पर त्रिवेणी शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर होने वाले नहान के लिए कान्ह नदी पर मिटटी का डेम बनाया गया था। हालांकि कोरोना गाइड लाइन के चलते नहान पर प्रतिबन्ध के चलते नहान तो नहीं हो पाया लेकिन मिटटी में कटाव आने से बिच में से मिटटी बह गयी और कान्ह का प्रदूषित पानी फिर से शिप्रा नदी में मिल गया।