चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के बाद उत्तरप्रदेश की राजनीति में भगदड़ सी मच गई हैं। एक के बाद एक पाला बदलकर दूसरे पाले में जाने की होड़ लग गई हैं। जिससे यूपी का सियासी पारा बहुत ही ज्यादा चढ़ गया हैं। हालांकि इस भगदड़ में ज्यादा नुकसान बीजेपी को ही उठाना पड़ रहा हैं। बीजेपी के अभी तक कई विधायक और मंत्री पार्टी छोड़ चुके हैं, और इसमें फायदा मिल रहा हैं समाजवादी पार्टी को, क्योंकि ज्यादातर बीजेपी के विधायक, मंत्री सपा में ही जाकर शामिल हुए हैं।
वहीं इस बीच एक और खबर आ रही हैं कि दलितों के सबसे बड़े मसीहा बने भीम आर्मी (Bhim Army) चीफ़ और आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ (Chandrashekhar Azad ‘Ravana’) भी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के संपर्क में बने हुए हैं। यानी अखिलेश यादव को अब एक और साथी मिल सकता हैं।
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सूत्रों के हवाले से खबर हैं कि चंद्रशेखर आजाद की पार्टी भी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतर सकती है। सुचना के मुताबिक़ समाजवादी पार्टी, चंद्रशेखर आजाद को दलित चेहरे के रूप में चुनाव के मैदान में उतार सकती हैं।