अयोध्या: भक्तों को होगा त्रेता युग का अनुभव, मंदिरों का जीर्णोद्धार कराएगी योगी सरकार

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By Akanksha JainPublished On: August 16, 2020
temples in up

अयोध्या: करोड़ों हिंदुस्तानियों के सपने को पूरा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त को राम मंदिर की नींव रख दी है। राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने के साथ ही अब इसके आसपास के मंदिरों की सूरत भी बदलेगी। जर्जर मंदिरों के अस्तित्व को बचाने के लिए जल्द ही योगी सरकार मंदिर प्रशासन के साथ मिलकर इसका जीर्णोद्धार करवाएगी।

राम की नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं को त्रेता की नगरी में आने का अनुभव करने के लिए अयोध्या के मंदिरों को उनकी प्राचीनता के हिसाब से योगी सरकार जीर्णोद्धार कराने जा रही है। जल्द ही यह योजना जमीन पर क्रियान्वित होगी।

दरअसल, 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के बाद बंदिशों की वजह से रामकोट क्षेत्र बदहाल हो गया था। यहां पर श्रद्धालुओं को आने और जाने की पाबंदी थी, जिस वजह से मंदिर की आमदनी खत्म हुई तो मंदिर भी खंडहर में तब्दील हो गए। कुछ ऐसे मंदिर भी थे जो राम जन्मभूमि परिसर के आसपास बने हैं, जिसमें प्रमुख रूप से राम खजाना सीता रसोई, कैकयी कोप भवन, कौशल्या भवन, सुमित्रा भवन, लक्ष्मण मंदिर हैं जो राम जन्मभूमि के परिसर के अंदर भी रखरखाव के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो गए।

पर्यटकों के न आने से रामकोट क्षेत्र के भी मंदिरों की आमदनी बंद हुई तो आर्थिक तंगी की वजह से मंदिरों की मरम्मद और रखरखाव के अभाव में मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गए। इन मंदिरों का अस्तित्व भी खतरे में हैं। जल्द ही योगी सरकार राम जन्मभूमि क्षेत्र के आसपास मंदिरों का सौंदर्यीकरण करवाने की तैयारी में है। मंदिरों में पर्यटकों के आने की व्यवस्थाओं को भी सुचारू रूप से शुरू किया जाएगा, जिससे कि राम जन्मभूमि क्षेत्र में मंदिरों का पुराना स्वरूप दिखे और त्रेता युग की अयोध्या निखर के सामने आए।