इंदौर (Indore News) : विश्व के सबसे बड़े स्वच्छता महाअभियान में इंदौर ने लगातार 5 वी बार बाजी मारकर एक बार फिर साबित कर दिया इंदौर ही स्वच्छता का गुरु है। स्वच्छता का खिताब जीतने की कहानी तात्कालीन कमिश्नर मनीष सिंह से शुरू हुई जिसे तात्कालीन कमिश्नर आशीष सिंह ओर इसके बाद भी वर्तमान कमिश्नर प्रतिभा पाल ने जीत की कहानी को बरकरार रखा।
स्वच्छता के पांच खिताब जीतने के पीछे सबसे महत्वपूर्ण योगदान सफाई कर्मियों का रहा, जिन्होंने अपना सब कुछ सफाई के लिए समर्पित कर दिया। इन सफाई कर्मियों की मेहनत और लगन के कारण ही इंदौर पूरे विश्व मे छा गया। अगले साल इंदौर सिक्सर लगाने की तैयार में जुट जाएगा।
मनीष सिंह –
मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित अफसर कलेक्टर मनीष सिंह उस समय इंदौर नगर निगम कमिश्नर बने जब प्रधानमंत्री ने लाल किले से देश का सबसे बड़ा सफाई अभियान का ऐलान किया। इसके बाद मनीष सिंह ने इंदौर को क्लीन सिटी बनाकर खिताब नितने की ठान ली। कमिश्नर मनीष सिंह , तत्तकालीन महापौर मालिनी गोड़, निगम के अफसरों, कर्मचारियों, सफाई कर्मियों , तथा सफाई मित्रो ने इंदौर को साफ सुथरा करके गौरवशाली उपलब्धि.. दिलाई। इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद इंदौर को सफाई का खिताब जीतने का चस्का लग गया। दो बार खिताब दिलाने के बाद मनीष सिंह के बाद नए कमिश्नर आशीष सिंह ने सफाई व्यवस्था को आगे बढ़ाया।
आशीष सिंह
इंदौर नगर निगम की कमान संभालने के बाद कमिश्नर आशीष सिंहके सामने दो सबसे वडी चुनोतियाँ यही थी कि एक तो खिताब बरकरार रखा जाए ओर स्वच्छता में इंदौर को हैट्रिक मिले। इस बार खिताब जितना बड़ा मुश्किल काम था , क्योकि केंद सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण में कई तरह के नए पैरामीटर्स के साथ नए नए नियम लागू कर दिए थे। सरकार की गाइड लाइन ने सभी को परेशान कर दिया था , लेकिन इंदौर नगर निगम के लिए सरकार की नई गाइड लाइन का कोई असर नही पड़ा । कमिश्नर ने महापौर को साथ लेकर स्वच्छता के हर पहलुओं पर काम किया और सफाई कर्मियों के साथ मिलजुल कर किया। आशीष सिंह ने सफाई कार्यो पर अपना पूरा फोकस रखा। निगम की टीम ने अपनी उपयोगिता सिद्घ करते हुए स्वच्छता की हैट्रिक बना ली। चौथे साल भी बड़ी आसानी से इंदौर ने चौथा खिताब जीत लिया। मनीष सिंह और आशीष सिंह ने दो – दो बार स्वच्छता का खिताब दिलाकर पूरे देश मे धूम मचा दी।
प्रतिभा पाल –
एक बार फिर नए नियम के साथ सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की नई गाइड लाइन जारी की। इस बार निगम की कमान भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ महिला अफसर श्रीमती प्रतिभा पाल के पास रही। उन्होंने स्वच्छता का अभियान जारी रखने के लिए उन्होंने सबसे पहले ‘ स्वच्छता का पंच लगाने का नारा दिया ‘। पहले दिन से प्रतिभा पाल ने स्वच्छता की कमान अपने हाथ मे ले ली। अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए उन्होंने कचरा कलेक्शन से लेकर कचरो के निदान तक के कार्य को निपटाया। इसी बीच इंदौर में कोविड के लॉक डाउन लग गया। लॉक डाउन में पूरा इंदौर बंद रहा लेकिन निगम के सफाई कर्मी शहर की सफाई में लगे रहे। कोरोना काल के दौर। निगम के सफाई कर्मी स्वच्छता के साथ साथ कोविड का काम भी करते रहे। आईएएस अफसर प्रतिभा पाल ने अपने अनुभव का भरपूर फायदा उठाया और स्वच्छता पर जमकर काम किया। आज उन्होंने इंदौर को पाचवी बार अवार्ड ही नही दिलाया बल्कि इंदौर को स्वच्छता ऐसे मुकाम पर पहुँचा दिया है जहाँ अब वह स्वच्छता गुरु कहलाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण में हम बने देश की सबसे CLEAN CITY के नागरिक…
स्वच्छ भारत मिशन के तहत होने वाले सर्वेक्षण के परिणामों में लगातार पाँचवीं बार नंबर वन आया इंदौर…कठिन दौर के बीच एक महिला आईएएस ने दिखाई अपनी ”प्रतिभा”…सेंट्रल मिनिस्ट्री द्वारा दिल्ली में आयोजित अवार्ड समारोह में इंदौर की तरफ़ से महिला आईएएस अधिकारी ने ग्रहण किया अवार्ड…कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह की मौजूदगी में नगर निगम की आयुक्त प्रतिभा पाल और कलेक्टर मनीष सिंह अवार्ड समारोह में हुए सम्मानित…पूरे देश ने फिर माना…इंदौरवासी ही सफ़ाई के मामले में सबसे आगे*