इन्दौर(Indore News): अनियमित खानपान से बिगड़ी जीवनशैली के कारण लोग जटिल रोग से ग्रसित हो जाते हैं। वास्तव में हमारा शरीर एक निश्चित सीमा तक जटिल रोगों से लड़ने में स्वयं सक्षम होेता है, लेकिन तब तक हम समझ नहीं पाते और जटिल रोग शरीर में जड़ बना लेता है। वैसे तो हमारे यहाँ का शुद्ध-सात्विक खान-पान भी कुछ ऐसा ही है जो रोगों से लड़ने में हमारी मदद करता है। एडवांस्ड आयुष वेलनेस सेन्टर एवं एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी हाॅस्पिटल द्वारा नेचुरोपैथी दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय निःशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य संस्थान के निदेशक डाॅ. विकास दवे ने कही।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य डाॅ. ए के द्विवेदी ने बताया कि, प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व तभी सफल होगा, जब हम प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाते हैं। यदि हमारा खान-पान शुद्ध, सात्विक व नियमित रहता है तो हमें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी तकलीफ नहीं होगी। यदि हम कितना ही प्राकृतिक चिकित्सा क्यों न लें लेकिन यदि हमारी जीवनशैली नियमित नहीं है तो प्राकृतिक चिकित्सा का कोई महत्व नहीं रह रहेगा। ग्रेटर ब्रजेश्वरी पिपलियाहाना स्थित एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी अस्पताल में मरीजों के तकलीफ के आधार पर थेराप्यूटिक के साथ-साथ इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट किया जाता है।
हमारी प्राचीन प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रचलन से विलुप्त होने लगी थी, लेकिन कोविड के बाद लोगों को यह एहसास हुआ कि, प्राकृतिक चिकित्सा व जीवनशैली का भी महत्व उतना ही है, जितना कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति का। कोविड काल के दौरान लोग जहाँ अस्पताल में भर्ती होकर इलाज ले रहे थे, लेकिन कोविड संक्रमण कोई सटीक इलाज नहीं था, वहीं पारम्परिक जीवनशैली के विषेषज्ञों ने प्राकृतिक पेय पदार्थ काढ़ा आदि सेवन की सलाह दी, जो काफी हद तक कारगर भी साबित हुआ। यहाँ तक कि प्रदेश व देश की सरकार ने भी इस बात को स्वीकारा और लोंगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर काढ़ा वितरित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाॅ. भूपेन्द्र गौतम, डॉ विवेक शर्मा,
डाॅ. ऋषभ जैन, डाॅ. जितेन्द्र कुमार पुरी, पीयूष पुरोहित, विनय पाण्डेय सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।