इंदौर (Indore News) : इंदौर संभाग में सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित आदिवासी बहुल जिलों में सिकल सेल रोग की जांच और प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान भारत सरकार जनजातीय स्वास्थ्य केंद्र की सलाहकार डॉ विनीता श्रीवास्तव, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित, डॉ अशोक यादव, डॉ. बृजेश पांडे एवं मध्यप्रदेश ब्लड सेल की उप निदेशक डॉ. रूबी खान सहित दिल्ली से डॉ. राहुल भार्गव भी बैठक में वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
बैठक में संभागायुक्त डॉ. शर्मा द्वारा संभाग में सिकल सेल एनीमिया रोग के प्रबंधन हेतु धार एवं खंडवा जिले से पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उक्त पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस रोग से ग्रसित व्यक्तियों तथा आदिवासी बहुल क्षेत्रों में रह रहे लोगों की स्क्रीनिंग प्रारंभ की जाएगी। तत्पश्चात इस मॉडल को संपूर्ण प्रदेश एवं देश में क्रियान्वित किया जाएगा।
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा द्वारा इंदौर के एमजीएम कॉलेज में सिकल सेल एनीमिया के इलाज हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी गई। प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं उपचार हेतु इंदौर में स्थापित किए जा रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आवश्यक तकनीकी सहयोग हेतु संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें डॉ. राहुल भार्गव विशेष तकनीकी समन्वयक तथा डॉ अशोक यादव कोऑर्डिनेटर के रूप में शामिल रहेंगे।
सिकल सेल एनीमिया एवं थैलेसीमिया के मरीजों को बोनमैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एचएलए टेस्टिंग लैब की स्थापना भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ की जाएगी। इसके साथ ही रक्त के विभिन्न कंपोनेंट्स को अलग करने के लिए हब एंड स्पोक मॉडल भी तैयार किया जाएगा। वरिष्ठ सलाहकार श्रीमती विनीता श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि उनकी टीम द्वारा विगत दिवस खंडवा एवं धार जिले का निरीक्षण किया गया था। उन्होंने उक्त दोनों जिलों में सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित व्यक्तियों से चर्चा की तथा उनके पोषण एवं स्वास्थ्य से जुड़े अन्य समस्याओं को जानने का प्रयास किया।