लॉक डाउन में फंसे बुजुर्ग की करुण कहानी

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देवेंद्र सिंह

80 साल के रमेशचन्द्र शर्मा लुधियाना के रहने वाले है । इस दु:खी बुजुर्ग ने अपनी दास्तां बताई कि वे पंजाब से अपनी बेटी से मिलने आए थे लेकिन लॉक डाउन के कारण उनका वापस जाना संभव नहीं हो सका। लिहाजा रमेशचन्द्र बेटी के घर में ही रुक गए । 2-4 दिनों तक तो ठीक रहा, फिर बेटी और दामाद का बर्ताव बदलता गया। वे बुजुर्ग को ताने मारने लगे और अंत में अपने घर से निकाल दिया । जानकारी भरतपुर पुलिस प्रशासन तक तक पहुंची, तब उन्होंने इनके रहने-खाने का इंतजाम कराया। बुजुर्ग को वृद्धजन संबल योजना के तहत रहने और खाने का प्रबंध कराया गया है । रमेशचन्द्र जी ने मीडिया से बात करते वक्त कहा कि मैंने अपने 80 बरस के जीवन का यही सार निकाला है कि रिश्तें तब तक खूबसूरत होते है जब तक उन्हें आजमाने का अवसर नही मिल पाता । बेटियों को भी यदि ताउम्र बुजुर्ग माता पिता की जिम्मेवारी उठाने का बीड़ा दिया जाए तो बेटों की तरह उनका सच भी सामने आएगा । अगर वो इंसान अच्छी है तो वो अच्छी बहू, बेटी और अच्छी पत्नी बनेगी और इंसान में ही खोट है तो वो किसी भी रिश्तें के साथ न्याय नही करेगी ।