उज्जैन। बड़नगर निवासी धर्मेंद्र पिता कैलाशचन्द्र शिक्षक कॉलोनी में रहते हैं। व्यवसाय के नाम पर उनकी एक छोटी-सी किराने की दुकान थी जो पैसा नहीं होने की वजह से ठीक से नहीं चल पा रही थी, क्योंकि दुकान में सामान भरने के लिये उनके पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी। इस वजह से धर्मेंद्र बहुत परेशान रहते थे। एक दिन उन्हें एक मित्र मिला उसने बताया कि नगर पालिका में संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को स्वरोजगार हेतु दो लाख रुपये तक का ऋण बैंक से दिलवाया जाता है। इससे 30 प्रतिशत अनुदान राशि भी प्राप्त होती है।
धर्मेंद्र उसी दिन नगर पालिका में गया और सीएमओ से मिला। वहां कर्मचारी से फार्म लेकर उसने निकाय में ऋण का आवेदन जमा करा दिया। आठ दिनों में बैंक द्वारा एक लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया। इसमें 30 हजार रुपये अनुदान राशि का भी लाभ मिला। साथ ही एक लाख रुपये का स्थानीय बैंक शाखा बड़नगर में ऋण प्राप्त हुआ। धर्मेंद्र ने इस राशि से अपनी दुकान में जरूरी सामान भरा। अब उसकी दुकान के साथ-साथ उसकी जीविका भी बहुत अच्छे से चल रही है। धर्मेंद्र इसके लिये सभी को धन्यवाद देता है।