उज्जैन (Ujjain News) : परम्परागत कृषि के अलावा हटकर कुछ करने का जुनून और सीखने का जज्बा हो तो मछली पालन सह सिंघाड़ा उत्पादन भी मुनाफे का धंधा हो सकता है। महिदपुर तहसील के ग्राम पर्वतखेड़ा के किसान लालू पिता मांगीलाल इसकी मिसाल हैं। इनकी निजी भूमि में सिंघाड़ा उगाकर ये अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। वे लगभग एक फुट पानी में सिंघाड़ा सह कतला (मछली) का पालन कर रहे हैं।
लगभग 0.5 हेक्टेयर के तालाब में सिंघाड़ा उत्पादन से लालू को तकरीबन 60 से 70 हजार रुपये की आमदनी हो रही है। साथ ही मछली 250 ग्राम तक होने पर उन्हें मछली पालन विभाग द्वारा प्राप्त तालाबों (10 वर्षीय पट्टे) में सिंचित किया जाता है और वहां से इन्हें अतिरिक्त आमदनी लगभग 12 हजार रुपये प्राप्त होती है। इस प्रकार वे मत्स्य पालन और सिंघाड़ा उत्पादन से परिवार का भरण-पोषण अच्छे-से कर रहे हैं और आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।