आश्विन शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021 गुरुवार को प्रारंभ हो रही है। देवी की अगवानी घट स्थापना करके की जाती है। गौरतलब है कि, देवी का आवाहन-स्थापना शुभ मुहूर्त में किया जाना आवश्यक है। बता दें कि, 7 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। इस दिन चित्रा नक्षत्र रात्रि में 9.13 बजे तक रहेगा। इसलिए घट स्थापना दोपहर 1.46 बजे तक करनी होगी, क्योंकि इसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी।
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चौघड़िया अनुसार मुहूर्त
शुभ- प्रात: 6.24 से प्रात: 7.50 तक
चर- प्रात: 10.46 से दोपहर 12.14 तक
लाभ- दोपहर 12.14 से दोपहर 1.43 तक
अमृत- दोपहर 1.43 से दोपहर 1.46 तक
अभिजित- प्रात: 11.51 से दोपहर 12.38 तक
लग्न अनुसार मुहूर्त
वृश्चिक- प्रात: 9.22 से 11.38 तक नवरात्रि प्रारंभ होने की समय की कुंडली।
उज्जैन की गणना के अनुसार 7 अक्टूबर 2021 को प्रात: 6.24 बजे सूर्योदय होगा। सूर्योदय के समय की लग्नकालिक कुंडली के अनुसार कन्या लग्न और कन्या राशि बन रही है। लग्न में चतुर्ग्रही योग बन रहा है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध चारों ग्रह लग्न में विराजमान हैं। शुक्र-केतु पराक्रम भाव में, बृहस्पति-शनि पंचम में और राहू वृषभ का होकर नवम स्थान में है। ये सारी ग्रह दशाएं भाग्योदयकारी कुंडली का निर्माण कर रही है।
लग्न में बुधादित्य योग के साथ चंद्र-मंगल की युति भी है। बुधादित्य योग जहां सर्वत्र शुभ करने का संकेत दे रहा है, वहीं चंद्र-मंगल की युति थोड़ी सी मानसिक परेशानियां दे सकती हैं। पराक्रम भाव का शुक्र-केतु अचानक रूप से आर्थिक लाभ और भोग-विलास के साधन दे सकता है। भाग्य स्थान का राहू सभी के संकट दूर करने के संकेत दे रहा है।