आज बुधवार, आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि है। आज आर्द्रा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-आज अष्टमी तिथि का श्राद्ध है।
-आज अशोकाष्टमी, बुधाष्टमी, जीवित्पुत्रिका व्रत है।
-आज की अष्टमी का व्रत पुत्र की जीवन रक्षा के उद्देश्य से किया जाता है।
-मकई, काला उड़द, विप्रूषि, मसूर, लहसुन गाजर, प्याज, मूली, बैंगन, सत्तू, गान्धारिक, लौकी, लाल गोंद श्राद्ध में निषेध है।
-“मुझे श्राद्ध के लिए दूध दो” – यह कहकर लाया हुआ दूध भी श्राद्ध कर्म में ग्रहण करने योग्य नहीं है।
-श्राद्ध के दौरान पितरों का नाम, गोत्र, काल और देश का उच्चारण संकल्प में अवश्य करना चाहिए।
-मघा नक्षत्र की त्रयोदशी तिथि को शहद और घी से मिश्रित खीर की आहुति देने से पितृ प्रसन्न और पूर्ण तृप्त होते हैं।
-उदय और अस्त के समय सूर्य मण्डल का दर्शन नहीं करना चाहिए।
-श्राद्ध कर्म करने और ब्राह्मण भोजन का समय प्रातः 11:36 बजे से 12: 24 बजे तक का है।
-इस समय को कुतप वेला कहते हैं। उक्त समय मुख्य रूप से श्राद्ध के लिए प्रशस्त है।
विजय अड़ीचवाल