Indore News : इंदौर बनेगा जल प्रबंधन में नंबर वन

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इंदौर (Indore News) : इंदौर को स्वच्छता तथा वॉटर प्लस में नंबर वन रहने के साथ ही अब जल प्रबंधन में भी नंबर वन बनाया जायेगा। इसके लिये प्रारंभिक तैयारियां शुरू हो गयी है। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट की अध्यक्षता में आज यहां रेसीडेंसी में इस दिशा में रणनीति तैयार करने के लिये बैठक आयोजित की गई।

इंदौर उत्थान अभियान से जुडी प्रमुख संस्थाओ के पदाधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में मंत्री श्री सिलावट ने इस पहल की प्रशंसा की। बताया गया कि “स्वछता में नंबर वन”, “वाटर प्लस में नंबर वन” का दर्जा प्राप्त करने के पश्चात प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के आव्हान के अंतर्गत अब “इंदौर जल प्रबंधन में बने नंबर १” विषय पर संबोधित करते हुये मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने कहा कि यह अनूठी पहल है। सदस्यों द्वारा किया गया गहन अध्ययन सिर्फ इंदौर को ही नहीं, प्रदेश को ही नहीं बल्कि सारे देश को “बेहतर जल प्रबंधन व्यवस्था कायम कर जल का सम्मान” करने हेतु प्रेरित करेगा। आने वाली पीढ़ी को बेहतर इंदौर सोंपने हेतु आप लोग सदैव गहन अध्ययन करते रहते है और उसको मूर्त रूप देने हेतु सदैव दिन रात प्रयास करते रहते है, मैं इसकी प्रशंसा करता हॅुं।

वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार आपके द्वारा किये गए प्रयासों एवं विकास के लिए उठाये गए हर मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर तुरंत वांछित कार्यवाही करेगी। मुझे यह पता था कि आज कि ये बैठक इंदौर के विकास में मुद्दों पर आधारित होगी। इसलिए मैंने इंदौर आने के पूर्व ही कल रात स्थानीय प्रशासन मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह से बात कर ली थी। वह इंदौर शीघ्र आएंगे और विशेष रूप से आप लोगो से चर्चा कर त्वरित कार्यवही करेंगे।

इसी प्रकार मैंने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान एवं केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी निवेदन कर आमंत्रित किया है कि वह इंदौर के गणमान्य लोगो की उपस्थिति में भी विकास सम्बन्धी विषयो पर विस्तृत चर्चा हेतु इंदौर पधारे। इंदौर उत्‍थान अभियान द्वारा विकास के मुद्दों पर तैयार की गई रिपोर्ट्स को मूर्त रूप देने के संबंध में मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि वर्तमान सरकार दिन रात विकास संबंधी कार्यो को अमलीजामा पहनाने हेतु प्रयासरत है और अब कही भी विलम्ब नहीं होगा।

बैठक में श्री अजीत सिंह नारंग ने कहा है कि हमारे अध्ययन यह दर्शाते है कि कुशल तथा अनुभवी इंजीनियर्स, वित्तीय विश्लेषक, अर्थशास्त्री, विधि, हुमन रिलेशन तथा जन संपर्क क्षेत्र के विशेषज्ञ किसी भी योजना के सफल संचालन के प्रमुख स्तंभ होते है और इन स्तम्भों से “सुसज्जित “स्वावलम्बी जल-मल प्राधिकरण” ही जल संकटो से उबार कर जनता तथा सरकार को राहत दिला सकते है। हमारे द्वारा सुझाई गई जल प्रबंधन व्यवस्था से न केवल 140 करोड़ से अधिक का घाटा समाप्त होगा बल्कि नर्मदा से केवल 50 प्रतिशत पानी ही लाना होगा तथा निम्न आय वर्ग पर प्रस्तावित कि गई जल दरों से कोई भी विपरीत आर्थिक प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।

सी.ई.पी.आर.डी.,अभ्यास मंडल,सेवा सुरभि, मालवा चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज, इंस्टीटूशन ऑफ़ इंजीनियर, इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्ट्रक्चरल इंजीनियर, इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंसल्टिंग इंजीनियर, इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटैक्टस, इंस्टीटूशन ऑफ़ वैल्यूर्स, जैन इंजीनियर सोसायटी डेवलपमेंट फाउंडेशन,पीथमपुर ओद्योगिक संगठन, एसोसिएशन ऑफ़ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश इत्यादि संस्थाओ के प्रमुख पदाधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।

जिनमें प्रमुख रूप से शिवाजी मोहिते, बी. के.गुप्ता,इंजी. महेश राजवैद्य, प्रो.रमेश मंगल, रामेश्वर गुप्ता, प्रीतमलाल दुआ, ओम नरेड़ा,गौतम कोठरी, प्रमोद डफरिया, महेश गुप्ता, अशोक बड़जात्या, इंजीनियर दीपक शाह, इंजीनियर राजेंद्र सिंह जैन, इंजीनियर डी.एस. परिहार, ए.एस.आई.एस.पाल, श्याम सुंदर यादव, मोहम्मद. पीठावाला, आमिर इंजीनियरवाला, आर्किटेक्ट ऋतुराज भारती, संजय पटवर्धन एवं अन्य उपस्थित थे।