भोपाल के ऐशबाग ROB को लेकर पहली बार सामने आया सीएम का बयान, बोले फॉल्ट को कर रहे दुरुस्त

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐशबाग आरओबी में पाई गई तकनीकी खामियों को सुधारने के बाद ही इसका लोकार्पण करने की बात कही है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

Abhishek Singh
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भोपाल के ऐशबाग ROB को लेकर पहली बार सामने आया सीएम का बयान, बोले फॉल्ट को कर रहे दुरुस्त

भोपाल के ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पहला बयान सामने आया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि तकनीकी खामियों को ठीक किया जा रहा है और इन्हें दुरुस्त करने के बाद ही पुल का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही उन्होंने संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात भी कही।

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ऐशबाग आरओबी अपने 90 डिग्री के तीखे मोड़ के कारण राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी असामान्य डिजाइन को लेकर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने जांच के आदेश दिए थे। इसके तहत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों द्वारा पुल की जांच की गई, जिसमें तेज मोड़ के कारण संभावित गंभीर हादसे की आशंका जताई गई। इसके बाद अब जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

सुधार में जुटा PWD विभाग

ऐशबाग ब्रिज की अनोखी डिजाइन सोशल मीडिया पर आलोचना और व्यंग्य का विषय बन गई है, जिस पर कई मीम्स भी साझा किए जा रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि पुल की संरचना सुरक्षित है और इसके ढहने का कोई खतरा नहीं है। वर्तमान में केवल मोड़ की बनावट में सुधार किया जा रहा है, ताकि वाहन टकराने या अनियंत्रित होकर गिरने की आशंका न रहे।

मुख्यमंत्री ने रखी अपनी बात

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऐशबाग आरओबी में पाए गए तकनीकी दोषों को ठीक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही उन जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसियों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने पुल निर्माण में भूमिका निभाई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी तकनीकी खामियों को दूर करने के बाद ही इस ओवरब्रिज का लोकार्पण किया जाएगा।

क्रॉसिंग बंद, अब ब्रिज बना जन-आवश्यकता

ब्रिज निर्माण के दौरान रेलवे ने 90 डिग्री की तीव्र टर्निंग को लेकर आपत्ति जताई थी, लेकिन PWD के इंजीनियरों ने सीमित स्थान का हवाला देते हुए इसे अपरिहार्य बताया। ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग के बंद होने के बाद इस क्षेत्र में आरओबी की आवश्यकता महत्वपूर्ण हो गई थी, जिस कारण सीमित जगह में ही इसका निर्माण करना पड़ा। ब्रिज की डिजाइन को लेकर कांग्रेस पहले ही सवाल उठा चुकी है।

वायरल हुए मीम्स, सोशल प्लेटफॉर्म पर चर्चा तेज

भोपाल में बने इस रेलवे ओवरब्रिज को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर मीम्स और प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। ब्रिज की डिजाइन में 90 डिग्री का तीव्र मोड़ दिए जाने को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं कि वाहन इस मोड़ पर कैसे सुरक्षित रूप से मुड़ पाएंगे। आशंका जताई जा रही है कि इससे वाहनों के ब्रिज की दीवारों से टकराने या आपस में भिड़ने का खतरा बना रह सकता है।