केंद्र सरकार ने किसानों को सिंचाई के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-कुसुम) के तहत किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए 90 प्रतिशत तक की भारी सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना का दोहरा लाभ है — एक तरफ यह सिंचाई की लागत को कम करती है, तो दूसरी तरफ किसानों को अतिरिक्त आय का एक नया स्रोत भी प्रदान करती है।
डीजल से मुक्ति
परंपरागत रूप से, भारत में किसान सिंचाई के लिए डीजल पंपों पर बहुत अधिक निर्भर रहे हैं। डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण खेती की लागत लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों का मुनाफा कम हो जाता है। पीएम-कुसुम योजना इस समस्या का एक स्थायी समाधान प्रस्तुत करती है। सोलर पंप लगाकर किसान न केवल डीजल के खर्च से पूरी तरह बच सकते हैं, बल्कि सौर ऊर्जा से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेचकर कमाई भी कर सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप की कुल लागत का केवल एक छोटा हिस्सा ही वहन करना पड़ता है। सरकार 68 से लेकर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी देती है, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। यह सब्सिडी केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मिलकर प्रदान की जाती है। इसका मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक किसानों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि वे ऊर्जा के मामले में ‘ऊर्जा-दाता’ बन सकें।
कैसे करें आवेदन?
जो किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए, पंजीकरण की प्रक्रिया कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इच्छुक किसान upagriculture.up.gov.in पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। अधिकारियों ने सलाह दी है कि किसान धोखाधड़ी से बचने के लिए केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों का ही उपयोग करें। यह योजना न केवल किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।










