कौन बनेगा कर्नाटक का सीएम? सिद्धारमैया या शिवकुमार, इस दिन होगा फैसला

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By Raj RathorePublished On: November 27, 2025
Karnataka CM

Karnataka CM : कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष पर विराम लगाने के लिए कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी 1 दिसंबर से पहले इस मुद्दे पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है, जिसके लिए दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया जा सकता है।

मई 2023 में जब कांग्रेस ने कर्नाटक में प्रचंड जीत के बाद सरकार बनाई थी, तभी से यह चर्चा थी कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने का एक समझौता हुआ है। हालांकि, पार्टी ने कभी भी सार्वजनिक रूप से इस फॉर्मूले की पुष्टि नहीं की। अब इस कथित समझौते को लेकर दोनों खेमों की तरफ से बयानबाजी शुरू हो गई है।

दिल्ली में सुलझेगा कर्नाटक का संकट?

रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी अगले एक-दो दिनों में इस मसले पर बैठक कर सकते हैं। माना जा रहा है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को 28 या 29 नवंबर को दिल्ली तलब किया जा सकता है। पार्टी की कोशिश है कि 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले इस आंतरिक कलह को सुलझा लिया जाए, ताकि विपक्ष को कोई मौका न मिले।

दोनों खेमों की अपनी-अपनी दावेदारी

दोनों नेताओं के समर्थक अपने-अपने दावों को लेकर मुखर हैं। सिद्धारमैया के एक करीबी नेता ने भरोसा जताया है कि उन्हें राहुल गांधी का पूरा समर्थन मिलेगा और ज्यादातर विधायकों का साथ भी उन्हीं के पास है। वहीं, डीके शिवकुमार के कट्टर समर्थक विधायक इकबाल हुसैन ने तो यह तक ऐलान कर दिया है कि उनके नेता जल्द ही मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।

हाल ही में शिवकुमार के कुछ समर्थक विधायक दिल्ली भी पहुंचे थे, हालांकि अब वे बेंगलुरु लौट आए हैं। इन विधायकों ने आलाकमान से मुख्यमंत्री पद पर बने भ्रम को जल्द से जल्द दूर करने का अनुरोध किया है।

शिवकुमार ने किया ‘गुप्त समझौते’ 

इस पूरे मामले पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने खुद भी एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से बात नहीं करना चाहते, क्योंकि यह पार्टी के चार-पांच लोगों के बीच एक ‘गुप्त समझौता’ है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी अंतरात्मा पर पूरा भरोसा है। शिवकुमार के इस बयान ने सत्ता परिवर्तन की अटकलों को और हवा दे दी है। फिलहाल, सभी की निगाहें कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर टिकी हैं।