MP AQI : मध्य प्रदेश में ठंड ने अभी ठीक से दस्तक ही दी है और हवा में जहर घुलना शुरू हो गया है। प्रदेश के कई प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) की वेबसाइट पर जारी रियल टाइम आंकड़ों के अनुसार, कई शहरों में AQI 300 के पार दर्ज किया गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
हवा की गुणवत्ता में इस गिरावट के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि लोग घरों से बाहर निकलते समय मास्क का सहारा ले रहे हैं। विशेषज्ञों ने इसे स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चेतावनी बताया है।
सिंगरौली में सबसे ज्यादा खतरा

MPPCB की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश में सबसे ख़राब स्थिति सिंगरौली की है। वहां पर सूर्य किरण भाव के इलाके में AQI 350 दर्ज किया गया है। इसके राजधानी भोपाल प्रदेश का दूसरा सबसे दूषित शहर है। भोपाल में सबसे ज्यादा टीटी नगर में AQI 335 दर्ज की गई है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की हालत भी ठीक नहीं है, शहर के छोटी ग्वालटोली इलाके में 258 AQI दर्ज की गई।
हवा में बढ़े PM 2.5 के कण
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, हवा में PM 2.5 यानी धूल के बेहद बारीक कणों का स्तर काफी बढ़ गया है। ये कण इतने छोटे होते हैं कि वे सांस के जरिए आसानी से फेफड़ों तक और फिर खून में पहुंच सकते हैं। इससे न केवल सांस संबंधी बीमारियां होती हैं, बल्कि यह हृदय और अन्य अंगों के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। सर्दी के मौसम में हवा की गति कम होने और नमी बढ़ने से ये कण वायुमंडल में नीचे ही रह जाते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा
विशेषज्ञों ने इस बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंता जताई है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहने से स्वस्थ लोगों को भी परेशानी हो सकती है। हालांकि, इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को है।










