वनवासियों की आय बढ़ाने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री साय

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By Abhishek SinghPublished On: November 19, 2025

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित के नवनियुक्त अध्यक्ष रूप साय सलाम और उपाध्यक्ष यज्ञदत्त शर्मा के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने नए दायित्वों के लिए अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।



मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अध्यक्ष के रूप में सलाम को एक अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसे वे अपनी संवेदनशीलता, अनुभव और दक्षता के साथ उत्कृष्ट रूप से निभाएंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि सलाम स्वयं जनजातीय समुदाय से आते हैं और समुदाय की समस्याओं, अपेक्षाओं एवं आवश्यकताओं को भली-भांति समझते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनवासियों की आय बढ़ाने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रदेश में निवासरत जनजातीय समाज के उत्थान को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। साथ ही केंद्र में अलग जनजातीय मंत्रालय की स्थापना से समुदाय के विकास को नई गति मिली। उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी इसी भावना और संकल्प को आगे बढ़ाते हुए ‘धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना’ तथा ‘पीएम जनमन योजना’ लागू की, जिनके माध्यम से जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों को देश में सर्वाधिक मूल्य दिया जा रहा है। वनोपजों के वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वनवासी समुदाय की आय में वृद्धि हो और उन्हें वास्तविक आर्थिक मजबूती प्राप्त हो।

वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि यह प्रदेश का सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ के मुखिया श्री विष्णु देव साय स्वयं जनजातीय समुदाय से आते हैं और वनवासी भाई-बहनों की पीड़ा, कठिनाइयों और आकांक्षाओं को गहराई से समझते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की 32% आबादी जनजातीय है तथा 44% क्षेत्र वनाच्छादित है, इसलिए वनोपज ही वनवासियों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता को ‘हरा सोना’ कहा जाता है और उसके अनुरूप मूल्य देने का कार्य मुख्यमंत्री श्री साय ने किया है। तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा मूल्य 4,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है।