पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में आज स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत “आत्मनिर्भर भारत में युवाओं की भूमिका: नवाचार और उद्यमिता” विषय पर विशेष सत्र एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल (IIC) द्वारा किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्रगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में नवाचार, स्टार्टअप संस्कृति और उद्यमशीलता की भावना को मजबूत करना था, ताकि युवा भारत के आत्मनिर्भरता मिशन में सक्रिय भूमिका निभा सकें। इस अवसर पर विभिन्न विशेषज्ञों, विश्वविद्यालय पदाधिकारियों एवं नवाचार से जुड़े वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को युवाओं के नवाचार और उद्यमिता ही साकार कर सकते हैं। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को देश की आर्थिक मजबूती का आधार बताया। कोविड काल का उल्लेख करते हुए कहा कि संकट को अवसर में बदलने की प्रधानमंत्री की सोच ने भारत को विश्व में पहला ऐसा देश बनाया जिसने अपनी ही धरती पर कोविड वैक्सीन विकसित की।
मंत्री श्री वर्मा ने युवाओं को राष्ट्रीय पुनर्जागरण का वाहक बताते हुए कहा कि आज नवाचार आधारित उद्यमिता न केवल उद्योग खड़ा कर रही है, बल्कि स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग और नए रोजगारों का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।
केंद्र सरकार की स्टार्टअप इंडिया,मेक इन इंडिया,डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैण्डअप इंडिया जैसी पहल को युवाओं के लिए बड़ा अवसर बताते हुए मंत्री वर्मा ने कहा कि एआई, रोबोटिक्स, ड्रोन, फिनटेक, एग्रीटेक और बायोटेक जैसे क्षेत्रों में भारत के युवा विश्व नेतृत्व की क्षमता रखते हैं।
मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि उद्यमिता का वास्तविक आधार जोखिम लेने का साहस, स्पष्ट दृष्टि और सतत परिश्रम है। विफलता को उन्होंने सीखने का अवसर बताते हुए युवाओं को लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।









