एमपी में खुलेआम भ्रष्टाचार, कर्मचारी ने महापौर के सामने मांगे पैसे, वीडियो हुआ वायरल

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By Raj RathorePublished On: November 17, 2025
Morena News

मध्य प्रदेश के मुरैना नगर निगम में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका एक हैरान करने वाला उदाहरण सामने आया है। यहां एक नागरिक अपनी शिकायत लेकर महापौर के पास पहुंचा, और उसी समय एक निगम कर्मचारी ने उसे फोन पर रिश्वत के लिए धमकाया। यह सब महापौर शारदा सोलंकी के सामने हुआ, जिन्होंने पूरी बातचीत लाउडस्पीकर पर सुनी।



मामला सूरज कुमार नाम के एक नागरिक से जुड़ा है, जो अपने प्लॉट का नक्शा पास कराने और डायवर्सन-नामांतरण के लिए कई महीनों से नगर निगम के चक्कर काट रहे थे। जब बिना रिश्वत दिए उनका काम नहीं हुआ, तो वह अपनी फरियाद लेकर सीधे महापौर के कक्ष में पहुंच गए।

महापौर के सामने रिश्वतखोरी का ‘लाइव डेमो’

सूरज कुमार जब महापौर को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बता रहे थे, तभी उनके मोबाइल पर एक निगम कर्मचारी का फोन आया। सूरज ने हिम्मत दिखाते हुए फोन का लाउडस्पीकर चालू कर दिया। फोन पर दूसरी तरफ से कर्मचारी बेखौफ होकर पैसे मांग रहा था।

“भैया, अभी तक पैसे क्यों नहीं भेजे? फाइल तो यहीं अटकी पड़ी है। जल्दी भेजो वरना काम नहीं होगा।”

यह सुनकर महापौर समेत कक्ष में मौजूद सभी लोग सन्न रह गए। महापौर के सामने ही रिश्वत मांगे जाने की इस घटना ने नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल को बेनकाब कर दिया। सूरज ने महापौर को बताया कि यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि कई कर्मचारी मिलकर यह रैकेट चला रहे हैं।

सरकारी फीस के ऊपर हजारों की रिश्वत

शिकायतकर्ता सूरज कुमार ने आरोप लगाया कि भवन निर्माण की अनुमति के लिए उनसे अलग-अलग स्तर पर पैसे मांगे गए। राजस्व विभाग के आरआई से लेकर डायवर्सन और नामांतरण करने वाले क्लर्कों तक, सभी ने अपनी-अपनी रकम तय कर रखी थी। किसी ने दस हजार तो किसी ने आठ हजार रुपये की मांग की।

सूरज ने बताया, “सर, सरकारी फीस तो हम जमा करने को तैयार हैं, लेकिन ये लोग बिना ऊपरी रकम लिए कोई फाइल आगे ही नहीं बढ़ाते। मैं कई बार चक्कर लगाकर थक गया। मजबूरी में कुछ पैसे दिए भी, लेकिन काम आज तक नहीं हुआ।” उन्होंने ज्ञापन में कुछ कर्मचारियों के नामों का भी उल्लेख किया है।

महापौर ने दिए जांच के आदेश

इस पूरी घटना को अपनी आंखों से देखने और कानों से सुनने के बाद महापौर शारदा सोलंकी ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सूरज कुमार को आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। महापौर ने तत्काल नगर निगम आयुक्त को मामले की निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस घटना के बाद से मुरैना नगर निगम के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। आम लोगों को उम्मीद है कि इस खुलासे के बाद शायद उन्हें बिना रिश्वत दिए अपनी फाइलों को पास कराने का मौका मिलेगा।