मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) 2023 के नतीजों ने सतना जिले के बिरसिंहपुर कस्बे को जश्न मनाने का एक बड़ा मौका दिया है। यहां एक मंदिर के बाहर नारियल-प्रसाद की दुकान चलाने वाले विजय अग्रवाल की बेटी प्रिया अग्रवाल ने प्रदेश में छठवीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर का पद पाया है। खास बात यह है कि उन्होंने महिलाओं की श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है।
प्रिया की इस शानदार सफलता की खबर लगते ही उनके गृहनगर में खुशी की लहर दौड़ गई। वर्तमान में रीवा में जिला श्रम अधिकारी के पद पर तैनात प्रिया जैसे ही अपने घर पहुंचीं, ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया गया। परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने उन्हें इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी।
संघर्ष और दृढ़ संकल्प की कहानी
प्रिया की सफलता की यह कहानी सालों की मेहनत और दृढ़ संकल्प का नतीजा है। वह 2018 से PSC की तैयारी कर रही थीं। 2019 और 2020 की परीक्षाओं में असफलता हाथ लगने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उनकी मेहनत का पहला फल 2021 में मिला, जब वह लेबर अफसर के पद के लिए चुनी गईं।
हालांकि, उनका लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनना था। 2022 में भी उन्होंने इसके लिए प्रयास किया, लेकिन सफलता 2023 की परीक्षा में मिली। प्रिया ने बताया कि इस सफर में उन्हें कई आर्थिक मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करती रहीं।
पिता की छोटी दुकान और बेटी का बड़ा सपना
प्रिया का परिवार एक सामान्य पृष्ठभूमि से आता है। उनके पिता विजय अग्रवाल, बिरसिंहपुर के प्रसिद्ध गैवीनाथ शिव मंदिर के पास नारियल की दुकान चलाते हैं। उनकी मां माया अग्रवाल गृहिणी हैं और दुकान के काम में पति का हाथ बंटाती हैं। प्रिया के बड़े भाई एक निजी कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर हैं, जबकि छोटे भाई ने हाल ही में चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) की परीक्षा पास की है।
प्रिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। उन्होंने बताया कि वह रोजाना करीब 8 घंटे पढ़ाई करती थीं, जो परीक्षा के समय 10 से 12 घंटे तक हो जाती थी।
दूसरे Aspirants के लिए प्रिया का संदेश
प्रिया ने अन्य aspirants को संदेश देते हुए कहा, “हमेशा सही दिशा में संघर्ष करना चाहिए। आपके पास एक स्पष्ट लक्ष्य होना चाहिए। अगर आप PSC की तैयारी कर रहे हैं, तो मुख्य परीक्षा का सिलेबस सामने रखकर टू-द-पॉइंट पढ़ाई करें और नोट्स बनाएं। किसी कारणवश सफलता न मिले तो घबराएं नहीं, आगे कोशिश करते रहें।”
प्रिया की शैक्षणिक यात्रा भी काफी impressive रही है। उन्होंने 12वीं कक्षा में 91% अंक हासिल किए थे, जिसके बाद स्कॉलरशिप पर इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज से BSc और फिर राजनीति विज्ञान में MA किया। उन्होंने NET की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। उनकी कहानी आज प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।











