मध्यप्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। प्रदेश के कई हिस्सों में अगले दो दिन तक बारिश और बूंदाबांदी का सिलसिला जारी रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पूर्वी हिस्से में बने निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) और चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) के कारण एक बार फिर से बादल घिरने लगे हैं। रविवार को भले ही ज्यादातर शहरों में धूप खिली रही हो, लेकिन सोमवार और मंगलवार को आसमान फिर से बादलों से ढक सकता है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि इस सिस्टम का असर अभी उत्तर-पूर्वी मध्यप्रदेश में ज्यादा दिखाई दे रहा है, जो अगले 48 घंटे तक सक्रिय रहेगा। इसका असर विशेष रूप से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, सागर और जबलपुर संभाग के 30 से अधिक जिलों में देखने को मिलेगा। यहां हल्की बारिश, गरज-चमक और कहीं-कहीं बूंदाबांदी की स्थिति बन सकती है।
किन जिलों में रहेगा असर
प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भागों में बादल छाए रहेंगे। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, हरदा, होशंगाबाद, खंडवा, खरगोन, सागर, दमोह, जबलपुर, नरसिंहपुर और ग्वालियर जैसे जिलों में रुक-रुक कर बारिश की संभावना है। वहीं रविवार को साफ मौसम रहने से अधिकतर जगहों का तापमान 1 से 3 डिग्री तक बढ़ा है। भोपाल में दिन का तापमान 31.1°C, इंदौर में 30.1°C, ग्वालियर में 31°C, उज्जैन में 30°C, जबलपुर में 29.8°C दर्ज किया गया। अधिकांश शहरों में तापमान 30 डिग्री के पार पहुंचने से हल्की गर्मी का अहसास हुआ। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि यह स्थिति ज्यादा देर टिकेगी नहीं, क्योंकि ठंडी हवाएं लौटने की तैयारी में हैं।
पश्चिमी विक्षोभ करेगा एंट्री, ठंड बढ़ने के संकेत
4 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (Western Disturbance) सक्रिय होने जा रहा है। इसका असर दो दिन बाद यानी 6 नवंबर से मध्यप्रदेश में दिखने लगेगा। इस दौरान उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे दिन और रात दोनों के तापमान में गिरावट आएगी। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बदलाव नवंबर की ठंड की शुरुआत का संकेत है। यानी अब हल्की बारिश के बाद ठंडी हवाएं प्रदेश के मौसम को सर्द बना देंगी।
अक्टूबर में रिकॉर्ड बारिश, 25 साल का ठंडा दिन दर्ज
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अक्टूबर महीने में मध्यप्रदेश में सामान्य से 121% अधिक वर्षा दर्ज की गई। जहां सामान्य औसत 1.3 इंच होती है, वहीं इस बार 2.8 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। भोपाल में तो 30 अक्टूबर का दिन पिछले 25 सालों में सबसे ठंडा रहा। उस दिन अधिकतम तापमान मात्र 24°C तक गिर गया था। वहीं गुना जिला इस मानसून सीजन में सबसे अधिक वर्षा वाला रहा, जहां पूरे मौसम में 65.7 इंच पानी गिरा।
नवंबर में तेज होगी ठंड, ग्वालियर-चंबल संभाग रहेगा सबसे ठंडा
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड में तेज़ी देखने को मिलेगी। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग में उत्तरी हवाओं के चलते तापमान में भारी गिरावट आएगी।
इतिहास बताता है कि ग्वालियर में नवंबर का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस और उज्जैन में 2.3 डिग्री तक पहुंच चुका है। इस बार भी शुरुआती नवंबर में बारिश के साथ ठंड का यह अनोखा संगम देखने को मिल सकता है।









