मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने आज हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए हैं, जिनका सीधा असर आम जनता, किसानों और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग, नगरीय विकास और सहकारिता विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मीडिया को विस्तार से जानकारी दी।
पांच जिलों के अस्पतालों में बढ़ेगी बेड क्षमता, 810 नए पद सृजित
राज्य सरकार ने टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर और डिंडोरी जिलों के जिला अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए इन अस्पतालों में 810 नए पद सृजित किए जाएंगे, जिनमें नियमित, संविदा और आउटसोर्सिंग के पद शामिल होंगे। नई व्यवस्था के तहत इन पांचों जिलों में कुल 543 नियमित, 400 संविदा, और 263 आउटसोर्सिंग पदों को भरा जाएगा। इस पर सरकार को सालाना 39.50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। अब टीकमगढ़ का 300 बिस्तर वाला अस्पताल 500 बिस्तर का हो जाएगा, श्योपुर का जिला अस्पताल 200 से बढ़कर 300 बेड का, नीमच का अस्पताल 200 से 400 बेड का, सिंगरौली का जिला अस्पताल 200 से 400 बेड का और डिंडोरी का अस्पताल 100 से बढ़कर 200 बेड का किया जाएगा। यह कदम न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।
री-डेंसिफिकेशन पॉलिसी में संशोधन, अब जमीन का 100 प्रतिशत विकास होगा
कैबिनेट बैठक में री-डेंसिफिकेशन पॉलिसी-2022 में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई है। पहले जहां नीलामी (ऑक्शन) के दौरान मिली जमीन पर सिर्फ 60 प्रतिशत राशि से विकास कार्य किए जाते थे, वहीं अब सरकार ने तय किया है कि ऐसी जमीन पर 100 प्रतिशत विकास कार्य किया जाएगा।
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि अब शहरों में जहां भी री-डेंसिफिकेशन के तहत जमीन दी जाएगी, वहां पूर्ण रूप से विकास कार्य सुनिश्चित किए जाएंगे। इसका अर्थ यह है कि इन क्षेत्रों में सड़कें, सीवरेज, लाइटिंग, पार्किंग और अन्य मूलभूत सुविधाएं पूरी क्षमता से विकसित होंगी। यह बदलाव नगरीय विकास को नई गति देगा और उन इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार तेजी से होगा जहां पहले अधूरे प्रोजेक्ट अटके हुए थे।
किसानों को राहत, जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन योजना जारी रहेगी
किसानों के लिए भी कैबिनेट बैठक में बड़ी खुशखबरी आई है। सरकार ने सहकारी बैंकों के माध्यम से जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने की योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। यह योजना वर्ष 2012-13 से लागू है और अब इसे वित्तीय वर्ष 2025-26 तक जारी रखा जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को तीन लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा। सरकार ने बताया कि कुल 30 हजार करोड़ रुपये तक के लोन किसानों को वितरित किए जाएंगे। इस कदम से लाखों किसानों को राहत मिलेगी और वे खेती में निवेश बढ़ा सकेंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों को मिलेगा सम्मान
कैबिनेट ने एक और सराहनीय फैसला लिया है अब उन जिलों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा जो सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) के तहत बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इन लक्ष्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सृजन, पर्यावरण संरक्षण और लैंगिक समानता जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य है कि सभी जिलों में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को बढ़ावा मिले और स्थानीय प्रशासन को प्रतिस्पर्धी भावना के साथ उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रेरित किया जाए।
मोहन सरकार की यह कैबिनेट बैठक स्वास्थ्य, कृषि और शहरी विकास तीनों क्षेत्रों में संतुलित सुधारों का प्रतीक रही। जहां एक ओर अस्पतालों की बेड क्षमता बढ़ाकर स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त किया गया है, वहीं किसानों को ब्याजमुक्त लोन जारी रखकर कृषि क्षेत्र को राहत दी गई है।साथ ही, री-डेंसिफिकेशन पॉलिसी में संशोधन से शहरी विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। आने वाले समय में इन फैसलों का असर सीधे तौर पर जनता की सुविधा और राज्य के विकास की गति पर दिखाई देगा।