दिवाली के बाद शहर में चार दिनों तक छठ पूजा का रंग छा जाएगा। इसकी तैयारियां शहर में पहले से ही शुरू हो गई हैं। छठ महोत्सव 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। शहर के लगभग 50 घाटों पर सामूहिक छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा, और घाटों पर साफ-सफाई समेत अन्य आवश्यक सुविधाओं का भी इंतजाम किया जा रहा है।
घाटों पर भीड़ से बचने के लिए शहर के कुछ घाटों पर छठ पूजा के लिए प्री-बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। शहर में समाज की आबादी 3 लाख से अधिक है। राजधानी में रहने वाले भोजपुरी समाज के लोग इस छठ पूजा महोत्सव को धूमधाम से मनाएंगे। चार दिवसीय महोत्सव की शुरुआत 25 अक्टूबर को नहाए खाए से होगी और इसका समापन 28 अक्टूबर को होगा।
छठ पूजा की तारिख
- 25 अक्टूबर नहाए खाए।
- 26 अक्टूबर खरना।
- 27 अक्टूबर अर्घ्य, डाला छठ।
- 28 अक्टूबर सुबह अर्घ्य और पारायण।
घाटों पर वेदियों का निर्माण शुरू
दिवाली के अवसर पर घाटों पर पूजा के लिए वेदियां बनाने का काम भी शुरू हो गया है। सरस्वती घाट बरखेड़ा में लगभग 2 हजार वेदियां तैयार की जाएंगी। आयोजन समिति के सदस्य सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वेदी निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है और अब तक 500 से अधिक वेदियां तैयार हो चुकी हैं। कुल मिलाकर यहां लगभग 2 हजार वेदियां बनाई जाएंगी।
पूजा के दौरान अव्यवस्था से बचने के लिए पहले से पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 600 से अधिक लोगों ने प्री-बुकिंग करवा ली है। नौका विहार, दीपदान और आतिशबाजी का मुख्य आयोजन भोजपुरी एकता मंच समिति द्वारा शीतलदास की बगिया स्थित गंगा छठ घाट में किया जाएगा।
मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि 27 अक्टूबर की शाम को यहां डूबते सूर्य की पूजा की जाएगी, और आतिशबाजी के साथ-साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।