भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के उत्कृष्ट क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्क्लेव के दौरान मध्यप्रदेश को सम्मानित किया। राज्य की ओर से प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग गुलशन बामरा ने यह सम्मान ग्रहण किया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जनजातीय समाज के सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण हेतु किए जा रहे नवाचारों की जानकारी साझा की।
मध्यप्रदेश में जुड़े 1.41 लाख ‘आदि सहयोगी’
‘आदि कर्मयोगी अभियान’ जनजातीय समुदायों के समग्र विकास और ग्राम स्तर पर नेतृत्व क्षमता के सशक्त निर्माण का एक प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम है। यह अभियान सेवा, संकल्प और समर्पण के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समाज को आत्मनिर्भर, जागरूक और सशक्त बनाना है।
प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने बताया कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में 1.41 लाख ‘आदि सहयोगी’, 1.92 लाख ‘आदि साथी’ और 1,210 अशासकीय संगठन इस अभियान से जुड़े हुए हैं। राज्य में अब तक 13,000 से अधिक ‘आदि सेवा केंद्र’ स्थापित किए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से आधार कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड और राशन कार्ड जैसी सेवाएँ 100 प्रतिशत पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाई जा रही हैं।
जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता
जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेश भर के 2,913 संस्थानों में 2.30 लाख विद्यार्थियों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस वर्ष केवल तीन महीनों (जून-सितंबर) के दौरान 81,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए, जबकि 9,000 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेलीमेडिसिन सेवाओं का संचालन किया गया।
एमपी ने ‘पीएम जनमन योजना’ में हासिल की सफलता
‘पीएम जनमन योजना’ के अंतर्गत मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। आयुष्मान कार्ड वितरण में शिवपुरी, मैहर, रायसेन, कटनी और भिंड जिलों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। शिवपुरी को उत्कृष्ट जिला और बैतूल को देश स्तरीय उत्कृष्ट जिला घोषित किया गया। साथ ही, सहायक शोध अधिकारी सारिका धौलपुरिया को उत्कृष्ट मास्टर ट्रेनर और आदिवासी विकास के उपायुक्त जे.पी. यादव को सुपर कोच के रूप में सम्मानित किया गया। बड़वानी, बैतूल, शिवपुरी, गुना, बुरहानपुर और विदिशा की एकीकृत आदिवासी विकास एजेंसियों को भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। अब तक प्रदेश के 14,000 ग्रामों में ‘विलेज एक्शन प्लान’ तैयार कर ग्राम सभाओं से अनुमोदन प्राप्त किया जा चुका है।