मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस ने दीपावली से पहले बड़ी छापेमार कार्रवाई की है। रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के ठिकानों पर बुधवार तड़के सुबह दबिश दी गई। इस कार्रवाई में लोकायुक्त के वरिष्ठ अधिकारी इंदौर, ग्वालियर समेत कुल आठ ठिकानों पर एक साथ सर्चिंग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के संदेह पर की गई है और अब तक की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
इंदौर में फ्लेट पर दबिश
लोकायुक्त टीम सबसे पहले इंदौर के पलासिया स्थित फ्लेट पर पहुंची और वहां छापेमारी शुरू की। टीम ने फ्लेट में रखे दस्तावेजों की जांच शुरू की और लाखों रुपए नगद, महंगे आभूषण, विदेशी मुद्रा और लाइसेंसी हथियार जब्त किए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इंदौर स्थित फ्लेट की संपत्ति की कीमत ही 7 से 8 करोड़ रुपए बताई जा रही है, जबकि अधिकारी की नौकरी के दौरान कुल आय लगभग 2 करोड़ रुपए थी।
ग्वालियर में भी सर्चिंग जारी
इसी दौरान लोकायुक्त की टीम ग्वालियर के विवेक नगर स्थित धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के निवास पर भी पहुंची। यहां दस्तावेजों और संपत्ति की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, ग्वालियर निवासी फ्लैट से काला धन और अवैध संपत्ति मिलने की संभावना जताई जा रही है।
कुल 8 ठिकानों पर रेड
लोकायुक्त की कार्रवाई केवल इंदौर और ग्वालियर तक सीमित नहीं है। अब तक की जानकारी के मुताबिक, धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के कुल 8 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है। हर ठिकाने पर टीम दस्तावेजों, बैंक खातों और घर में रखी संपत्ति की बारीकी से जांच कर रही है।
धर्मेंद्र सिंह भदौरिया का प्रशासनिक करियर
धर्मेंद्र सिंह भदौरिया 1987 में आबकारी विभाग में उपनिरीक्षक के पद पर नियुक्त हुए थे। तब से लेकर रिटायरमेंट तक उनका करियर रहा। वे हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं और अब उनकी संपत्ति की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नौकरी के दौरान उनकी कुल आय केवल 2 करोड़ रुपए थी, लेकिन सिर्फ इंदौर स्थित फ्लेट से ही उनकी संपत्ति का मूल्य 7-8 करोड़ रुपए आंका जा रहा है।
जांच और खुलासों की प्रक्रिया जारी
लोकायुक्त टीम फिलहाल सभी ठिकानों पर सर्चिंग और दस्तावेजों की जांच में जुटी हुई है। अधिकारी और ज्वाइंट टीम जल्द ही इस कार्रवाई से जुड़े बड़े खुलासे करने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में यह मामला राज्य के प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन सकता है।