इंदौर में बोले सूर्यकुमार यादव, यहां के लोग और खाना दोनों परफेक्ट, ड्रेसिंग रूम में शुभमन-अर्शदीप मस्ती के बादशाह

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By Pinal PatidarPublished On: October 14, 2025

भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव सोमवार रात ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘सेवा वाली दिवाली’ कार्यक्रम में पहुंचे। इस कार्यक्रम का आयोजन जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उन्होंने न केवल अपने अनुभव साझा किए, बल्कि इंदौर के लोगों और वहां के खान-पान की भी तारीफ की। सूर्यकुमार ने हंसते हुए कहा कि उन्हें इंदौर का खाना और मुंबई का खाना दोनों बराबर पसंद हैं और वह हमेशा स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अपनी पसंद खाते हैं।

पिता: पहला और सबसे बड़ा रोल मॉडल


सूर्यकुमार ने बताया कि उनके जीवन में बैट हाथ में बहुत जल्दी आ गया था। उनके लिए उनके पिता हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे हैं। रोज सुबह और शाम उन्हें 2-3 घंटे अभ्यास के लिए मैदान में ले जाना उनकी आदत का हिस्सा बन गया। साथ ही, उन्होंने यह भी साझा किया कि उनके क्रिकेट के रोल मॉडल सचिन तेंदुलकर हैं। जब सचिन आउट होते थे, उनके पिता टीवी बंद कर देते थे। सूर्यकुमार ने यह भी याद किया कि जब उन्होंने पहली बार इंडियन जर्सी और कैप पहनी, वह पल उनके लिए बेहद खास और अविस्मरणीय था।

यादगार पल: स्कूप शॉट और सुपर कैच

अपने डेब्यू मैच की सबसे यादगार घटना के बारे में उन्होंने बताया कि उनका स्कूप शॉट उन्हें अब भी सबसे खास लगता है। इसके साथ ही उन्होंने एक सुपर कैच को भी यादगार पल बताया। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि ड्रेसिंग रूम में सबसे ज्यादा मस्ती करने वाले खिलाड़ी अर्शदीप सिंह और शुभमन गिल हैं। वहीं, अभिषेक शर्मा आते ही म्यूजिक चालू कर देते हैं, जिससे टीम का तनाव दूर हो जाता है। कभी-कभी टीम में यह तय करने पर बहस भी हो जाती है कि कौन सा गाना बजे।

खाने की पसंद: मुंबई वड़ा पाव और इंदौर पोहा

सूर्यकुमार ने हंसते हुए कहा कि मुंबई का वड़ा पाव और इंदौर का पोहा उनके लिए दोनों बराबर हैं। उन्हें जो भी पसंद आता है, वह खाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमेशा उनकी प्राथमिकता रहती है। उन्होंने कहा कि इन छोटे-छोटे स्वादों का आनंद लेने में उन्हें खुशी मिलती है।

पलक मुछाल की संगीतमय प्रस्तुति

कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायिका पलक मुछाल की प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया। उन्होंने ‘आशिकी 2’ के गानों जैसे “तू ही ये मुझको बता दे…” और “तू आता है सीने में…” को अपनी मधुर आवाज़ में प्रस्तुत किया। खास बात यह रही कि उनके गीतों को साइन लैंग्वेज में भी पेश किया गया, ताकि मूक-बधिर बच्चों को भी गीतों की भावनाओं से जोड़ सके।

शिक्षा और सेवा के लिए उठाया बड़ा कदम

कार्यक्रम के दौरान JITO प्रतिनिधि प्रतीक सूर्या ने 200 से अधिक बच्चों की एक साल की शिक्षा का जिम्मा उठाने की घोषणा की। इसके साथ ही कई संगठन के सदस्यों ने अपने जन्मदिन के अवसर पर एक-एक बच्चे की शिक्षा का खर्च उठाने का संकल्प लिया। यह पहल बच्चों की शिक्षा और समाज सेवा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।