अगले 24 घंटों में इन 13 जिलों में होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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By Pinal PatidarPublished On: October 13, 2025

मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्सों में मानसून अभी थमा नहीं है। मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर जैसे जिलों में सोमवार को हल्की बारिश की उम्मीद जताई गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, इन इलाकों में अगले दो से तीन दिनों तक रुक-रुककर बूंदाबांदी का दौर जारी रहेगा। वहीं, राज्य के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क होता जा रहा है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे शहरों में आसमान साफ़ है, लेकिन हवा में अब ठंडक घुलने लगी है। तापमान में गिरावट के साथ सुबह और रातें सर्द महसूस होने लगी हैं।

मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान, अब विदाई की तैयारी में मानसून


भारतीय मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि फिलहाल पूर्वी जिलों में ही हल्की वर्षा की संभावना बनी हुई है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में कोई सक्रिय वर्षा प्रणाली मौजूद नहीं है, इसलिए वहां शुष्क और साफ मौसम बना रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि मानसून अब लगभग अपने अंतिम चरण में है। अगले दो से तीन दिनों के भीतर पूरे मध्यप्रदेश से इसकी वापसी पूरी हो जाएगी। दरअसल, प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भागों — जैसे भोपाल, इंदौर, धार, खरगोन, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल और विदिशा — से मानसून पहले ही विदा हो चुका है।

कहां अब भी टिका है मानसून का असर

हालांकि प्रदेश के कुछ हिस्सों में मानसून की मौजूदगी अब भी महसूस की जा सकती है। सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर और छिंदवाड़ा जिले वे क्षेत्र हैं, जहां बादल अभी भी सक्रिय हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर अगले तीन दिन तक यहां हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहता है, तो इस बार का मानसून सीजन पूरे चार महीने लंबा हो जाएगा। गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून ने 16 जून को मध्यप्रदेश में दस्तक दी थी, और अब तक के आंकड़ों से स्पष्ट है कि यह अपने सामान्य समय से कुछ ज्यादा अवधि तक ठहर गया है।

रातें ठंडी, तापमान में आई गिरावट

मौसम के बदलते मिजाज के साथ प्रदेश के कई इलाकों में रात का तापमान लगातार नीचे जा रहा है। राजधानी भोपाल और उज्जैन में न्यूनतम तापमान 17°C तक पहुंच गया है, जबकि इंदौर में पारा और नीचे लुढ़ककर 14°C दर्ज किया गया — जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम स्तर है। ग्वालियर में 18.2°C, जबलपुर में 18°C, राजगढ़ में 14.4°C, धार में 15.5°C और बैतूल में 16.8°C तापमान रिकॉर्ड किया गया। इन आंकड़ों से साफ है कि प्रदेश अब धीरे-धीरे सर्दी के शुरुआती दौर में प्रवेश कर रहा है। सुबह की हवा में ठंडक और नमी दोनों का मिश्रण लोगों को बदलते मौसम का एहसास करा रहा है।

गुना बना प्रदेश का सबसे अधिक बारिश वाला जिला

इस बार के मानसूनी सीजन ने कई जिलों की तस्वीर बदल दी। आंकड़ों के अनुसार, गुना जिला सबसे ज्यादा बारिश पाने वाला जिला रहा, जहां कुल 65.6 इंच वर्षा दर्ज की गई। इसके बाद मंडला और रायसेन ने 62 इंच से अधिक बारिश दर्ज कराई। वहीं दूसरी ओर, कुछ जिलों में मानसून का असर कमजोर रहा। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच और खंडवा में 32 इंच बारिश हुई — जो औसत से काफी कम है।

इंदौर और उज्जैन संभाग में बदली स्थिति

मानसून की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश बेहद कम थी, जिससे जलस्तर और फसलों को लेकर चिंता बढ़ गई थी। लेकिन सितंबर के महीने में हुई भारी बारिश ने हालात को संभाल लिया। अब इंदौर जिले में सामान्य बारिश का लक्ष्य पूरा हो गया है, जबकि उज्जैन अभी भी औसत से थोड़ा पीछे है। इसके विपरीत, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर जैसे जिलों में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

पूर्वी मध्यप्रदेश में मानसून की पकड़ मजबूत रही

जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभागों में इस बार मानसून की पकड़ बेहद मजबूत रही। लगातार बारिश के कारण यहां के कई इलाकों में नदियां और तालाब लबालब भर गए। कुछ स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी, जिसके चलते प्रशासन को राहत कार्य चलाने पड़े। हालांकि, किसानों के लिए यह वर्षा फायदेमंद साबित हुई — खेतों में नमी बनी रही और खरीफ फसलों को पर्याप्त पानी मिला।

अब सर्दी की दस्तक — बदलता मौसम, बदलता मूड

अब जबकि मानसून धीरे-धीरे अलविदा कह रहा है, प्रदेश के लोग सर्दियों की दस्तक महसूस कर रहे हैं। सुबह की ठंडी हवा, हल्की धुंध और दिन में सुहाना मौसम लोगों के मूड को बदल रहा है। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने साफ संकेत दिए हैं कि इस बार ठंड सामान्य से थोड़ी जल्दी दस्तक दे सकती है।