Ruchak Rajyog 2025 : वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मंगल ग्रह सभी ग्रहों में सेनापति के रूप में माने जाते हैं। इन्हें साहस, पराक्रम और ऊर्जा का प्रतीक कहा गया है। मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं। मकर राशि में ये उच्च और कर्क राशि में नीच के माने जाते हैं। वर्तमान में मंगल कन्या राशि में स्थित हैं और 27 अक्टूबर 2025 को अपनी स्वराशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। इस विशेष गोचर से पंच महापुरुष योगों में से एक, शक्तिशाली रूचक राजयोग का निर्माण होगा।
किन राशियों को मिलेगा लाभ?
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए यह समय बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है। करियर में नए अवसर मिलेंगे और नौकरीपेशा लोगों को बेहतर ऑफर प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार में सफलता मिलेगी और प्रमोशन के साथ वेतनवृद्धि का योग भी बन सकता है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने की संभावना है, साथ ही समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। पुराने निवेश से फायदा होगा और लंबे समय से अटके हुए काम पूरे होंगे। बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए भी मंगल का यह गोचर लाभकारी सिद्ध होगा। लंबे समय से रुके हुए कार्य पूरे होंगे और भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। इस समय वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने के योग बनेंगे। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति और वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकता है। खासकर जो लोग रियल एस्टेट, जमीन-जायदाद या प्रॉपर्टी से जुड़े व्यवसाय करते हैं, उन्हें अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। पैतृक संपत्ति से लाभ होगा और परिवार तथा ससुराल पक्ष के साथ संबंध और मजबूत होंगे।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह समय बेहद शुभ रहेगा क्योंकि मंगल उनकी स्वराशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान नए करियर अवसर सामने आएंगे और जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में सफलता मिलेगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और जीवन में मानसिक शांति आएगी। साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा और पार्टनरशिप में किए गए काम लाभ देंगे। कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत हासिल हो सकती है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिल सकती है।
कैसे बनता हैं कुंडली में Ruchak Rajyog
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, रूचक राजयोग तब बनता है जब जन्मकुंडली के केंद्र भाव में मंगल अपनी उच्च राशि मकर में, अपनी मूल त्रिकोण राशि मेष में या अपनी स्वराशि वृश्चिक में स्थित होते हैं। यह योग बनने पर जातक साहसी, प्रभावशाली और पराक्रमी बनता है। उसके जीवन में यश, मान-सम्मान और भौतिक सुख-सुविधाओं की वृद्धि होती है।
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