गरीबी की चादर ओढ़े अमीर! एमपी में बीपीएल सूची की होगी सफाई, अपात्रों पर गिरेगी गाज

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By Raj RathorePublished On: September 25, 2025

मध्य प्रदेश में अब गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन (BPL) करने वाले परिवारों की सूची पर बड़े पैमाने पर सर्जरी होने वाली है। प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसका सीधा मतलब है कि अब उन लोगों के नाम कटेंगे जो वास्तव में गरीब नहीं हैं, लेकिन सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं।

शासन ने सभी जिलों को 31 अगस्त तक की स्थिति में बीपीएल सूची से हटाए गए या नए जोड़े गए नामों का पूरा विवरण उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए हैं। इस काम में तेजी लाने के लिए गूगल शीट तक तैयार कर दी गई है, जिसमें हर पंचायत को अपनी मौजूदा स्थिति, साथ ही अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के परिवारों का अलग से ब्यौरा दर्ज करना होगा।

जब लिस्ट में निकले ‘सरकारी’ नाम, प्रशासन भी हैरान!

इस ‘सफाई अभियान’ की जरूरत कितनी ज्यादा है, इसका खुलासा सतना जिले के नागौद जनपद की ग्राम पंचायत दतुनहा के एक चौंकाने वाले मामले से हुआ है। यहां के सरपंच, पंचायत सचिव और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग भी खुद को गरीब बताकर बीपीएल सूची में न सिर्फ शामिल हो गए, बल्कि कार्ड का इस्तेमाल कर सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे थे! मामले की गंभीरता को देखते हुए सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने तुरंत जिला पंचायत सीईओ को जांच के आदेश दिए हैं।

सरपंच, सचिव और कार्यकर्ता… सब बीपीएल कार्डधारी!

जरा इन नामों पर नज़र डालिए:

सरपंच चंद्रवती मिश्रा: ग्राम पंचायत दतुनहा की सरपंच, जिनके नाम पर बीपीएल राशन कार्ड संख्या 33047785 दर्ज है। इस कार्ड में उनके परिवार के 7 सदस्य शामिल हैं, जबकि हकीकत में सबकी समग्र आईडी अलग-अलग बनी हुई है। आरोप है कि सरपंच ने पद का दुरुपयोग कर अपने बेटे रोहणी मिश्रा का नाम भी इसमें जुड़वाया और PDS से नियमित राशन उठा रही हैं।

सहायक रोजगार सचिव प्रदीप त्रिपाठी: इसी पंचायत के सचिव महोदय ने भी नियमों को ताक पर रखा। उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति त्रिपाठी के नाम से बीपीएल पात्रता पर्ची (राशन कार्ड संख्या 46337618) बनवा ली और लगातार योजना का लाभ ले रहे हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कल्पना बड़गैयां: सरकारी वेतन लेने वाली इस कार्यकर्ता का नाम भी बीपीएल सूची में है। इनके पूरे परिवार को गरीबी रेखा का राशन और संबल योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि वेतन पाने वाला परिवार पात्रता की श्रेणी में नहीं आता। इन लोगों के कृत्यों से वास्तविक गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में रुकावट आ रही थी। अब इस पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद, उम्मीद है कि सूची से अपात्र लोगों की छुट्टी होगी और हकदार परिवारों को उनका सही लाभ मिल पाएगा।