तालिबान के अफगानिस्तान पर अपना कब्ज़ा तो कर लिया लेकिन वह अब सरकार नहीं बना पा रहा है. हाल ही की ख़बरों के अनुसार, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच भिड़ंत शुरू हो गई है. ख़बरों के अनुसार, दोनों गुटों के बीच गोलीबारी होने लगी है. ऐसे ही एक घटनाक्रम में तालिबान का को-फाउंडर मुल्ला बरादर घायल हो गया है. हालांकि सत्ता के लिए खूनी संघर्ष की कहीं पुष्टि नहीं हुई है. बता दें, मुल्ला बरादर चाहता है कि वह सभी पक्षों को शामिल करते हुए सरकार का गठन करे, लेकिन हक्कानी नेटवर्क ऐसी किसी साझेदारी के खिलाफ है.
सिराजुद्दीन के नेतृत्व में हक्कानी और उसके आतंकवादी समूह किसी के साथ सत्ता साझा नहीं करना चाहते हैं. कहा जा रहा है कि हक्कानी को पाकिस्तान का मौन समर्थन हासिल है. हक्कानी इस्लामिक नियमों पर आधारित एक शुद्ध तालिबान सरकार के पक्ष में हैं. तालिबान और हक्कानी नेटवर्क की इसी खींचतान के कारण अफगानिस्तान में सरकार नहीं बन पा रहा है. तालिबान और मुल्ला बरादर के लिए मुश्किल है, क्योंकि दोहा में उन्होंने जिन देशों के साथ वार्ता की है, उनसे यही कहा है कि वे सभी पक्ष को मिलाकर सरकार बनाएंगे।