अमेरिका का वीजा अब भारतीयों की जेब पर और भारी पड़ने वाला है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने वीजा इंटीग्रिटी शुल्क लगाने का ऐलान कर दिया है। यह शुल्क 1 अक्टूबर से लागू होगा। इसके लागू होने से पहले ही प्रदेशभर में लोगों में जल्द-से-जल्द वीजा आवेदन करने की होड़ मच गई है। लोग डर रहे हैं कि शुल्क बढ़ने के बाद वीजा पाना न केवल महंगा होगा, बल्कि पूरी प्रक्रिया भी और मुश्किल हो जाएगी।
ट्रंप प्रशासन का नया कानून
ट्रंप सरकार ने 4 जुलाई को वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट (One Big Beautiful Bill Act) पर हस्ताक्षर किए। इस अधिनियम के तहत गैर-अप्रवासी वीजा पर 250 डॉलर यानी लगभग 21,539 रुपये का अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। वर्तमान में भारतीय नागरिकों को अमरीकी वीजा के लिए लगभग 185 डॉलर चुकाने पड़ते हैं। नए नियम लागू होने के बाद यह बढ़कर करीब 435 डॉलर यानी 36,700 रुपये हो जाएगा। साफ है कि अब अमरीका का वीजा लेना पहले से कहीं ज्यादा महंगा साबित होगा।
वीजा आवेदनों में तेजी
शुल्क वृद्धि से बचने के लिए लोग 1 अक्टूबर से पहले ही आवेदन करना चाहते हैं। यही वजह है कि वीजा आवेदन की संख्या अचानक कई गुना बढ़ गई है। टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ डॉ. छवि सिंघल ने बताया कि पहले प्रदेशभर से प्रतिदिन लगभग 300 आवेदन आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 900 से ज्यादा हो गई है। इसका सीधा असर अपॉइंटमेंट की तारीखों और पूरी प्रक्रिया की रफ्तार पर पड़ रहा है।
लंबी वेटिंग लिस्ट बनी चुनौती
वीजा आवेदन करने के बाद बायोमेट्रिक और इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इसके लिए लोगों को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता स्थित अमेरिकी दूतावासों में जाना पड़ता है। कोविड-19 महामारी से पहले यह प्रक्रिया काफी तेज हुआ करती थी। मात्र 5 दिनों में बायोमेट्रिक और इंटरव्यू दोनों पूरे हो जाते थे। लेकिन अब हालात अलग हैं। वर्तमान में अपॉइंटमेंट की वेटिंग अवधि 370 से 420 दिन तक पहुंच गई है। यानी लोग आवेदन करने के बाद भी एक साल से ज्यादा इंतजार करने को मजबूर हैं।