नेपाल में युवाओं के विरोध प्रदर्शन ने प्रधानमंत्री केपी ओली सरकार को गिरा दिया है। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राजनीतिक दलों के कार्यालय, प्रधानमंत्री और मंत्रियों के आवासों तथा काठमांडू के ऐतिहासिक सिंह दरबार में आग लगा दी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने हिल्टन होटल में भी आग लगा दी, जो देश का एक प्रमुख और सांस्कृतिक प्रतीक माना जाता है।
हिल्टन होटल की वास्तुकला काठमांडू की शहरी सड़कों और लांगटांग पर्वत श्रृंखला के बीच सामंजस्य स्थापित करती थी। इसके कांच के पैनल दिन के उजाले में रंग बदलते थे और सूर्यास्त के बाद जीवंत रंगों में निखर उठते थे, जो इसे एक विशिष्ट पहचान देते थे।
नेपाल सेना ने बुधवार को देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू किया ताकि हिंसा और अशांति को रोका जा सके। यह कदम प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद उठाया गया, जब सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों ने देश में तनाव फैला दिया। सेना ने चेतावनी दी कि प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान किसी भी प्रदर्शन, तोड़फोड़ या हिंसा को आपराधिक कृत्य माना जाएगा।
सेना ने कहा कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मियों को प्रतिबंधों के दौरान काम करने की अनुमति दी जाएगी। अधिकारियों ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे केवल अत्यावश्यक कार्यों के लिए ही घर से बाहर निकलें ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
प्रदर्शनों के दौरान हुई आगजनी और लूटपाट ने देश में व्यापक चिंता पैदा कर दी है, और सेना ने ऐसे समूहों की गतिविधियों पर चिंता जताई है जो कठिन परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठा रहे हैं।