मध्यप्रदेश के सीहोर ज़िले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कुबरेश्वर धाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। धाम से जुड़े कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और उनकी संस्था विटलेश सेवा समिति के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने स्थानीय पुलिस को जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 सितंबर तय की गई है। यह मामला अब पंडित प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।
इंदौर के वकील ने की पहल
इंदौर के एडवोकेट प्रकाश यादव इस प्रकरण को लेकर सक्रिय हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुबरेश्वर धाम में हाल ही में हुए धार्मिक कार्यक्रमों में गंभीर अव्यवस्था रही, जिसके चलते सात लोगों की जान चली गई। सबसे पहले उन्होंने सीहोर ज़िले के मंडी थाने में शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन जब पुलिस प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो उन्होंने जिला न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया। याचिका में मांग की गई है कि पंडित प्रदीप मिश्रा और उनकी समिति को कई धाराओं में आरोपी बनाया जाए।
भीड़ और अव्यवस्थाओं से बिगड़े हालात
यह विवाद उस समय खड़ा हुआ जब कुबरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा और रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। धार्मिक आस्था से जुड़ा यह आयोजन भारी भीड़ को आकर्षित करने वाला था, लेकिन प्रबंधन में अव्यवस्था के कारण कई गंभीर घटनाएँ सामने आईं। अलग-अलग कारणों से सात लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि हज़ारों लोगों को घंटों तक जाम और अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। इंदौर-भोपाल हाईवे पर लंबे समय तक वाहनों की कतारें लगी रहीं।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
इस घटना के बाद पुलिस की ओर से सिर्फ़ डीजे संचालकों पर मामला दर्ज किया गया था। लेकिन मृतकों और अव्यवस्थाओं के लिए ज़िम्मेदारी तय करने की दिशा में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। इसी को लेकर अब याचिका दायर की गई है, जिसमें आयोजकों और पंडित प्रदीप मिश्रा को सीधे तौर पर दोषी ठहराने की मांग की गई है। अदालत द्वारा पुलिस से रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद अब यह देखना होगा कि आगामी सुनवाई में इस पूरे मामले को किस तरह आगे बढ़ाया जाता है।