मध्यप्रदेश में मानसून पूरी तरह सक्रिय है और इस समय राज्य में तीन अलग-अलग सिस्टम काम कर रहे हैं। इसके कारण लगातार तेज बारिश हो रही है। शुक्रवार को मौसम विभाग ने श्योपुर, मंदसौर और नीमच जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में अगले 24 घंटों में करीब साढ़े आठ इंच तक पानी गिरने की संभावना जताई गई है। वहीं, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, रतलाम, आगर-मालवा, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में यलो अलर्ट जारी हुआ है, जहां भारी बारिश के आसार हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। गुरुवार को भोपाल समेत 26 जिलों में बारिश दर्ज की गई थी और यही स्थिति अगले चार दिनों तक बनी रह सकती है।
लगातार बारिश के पीछे मौसम वैज्ञानिकों की रिपोर्ट
मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में तीन कारणों से मध्यप्रदेश में भारी बारिश हो रही है। पहला, एक सक्रिय मानसून दतिया और सीधी होते हुए सीधे बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है। दूसरा, एक और ट्रफ लाइन प्रदेश के मध्य हिस्सों से गुजर रही है। तीसरा, राज्य के दक्षिणी इलाकों में साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। इन तीनों सिस्टम के एकसाथ सक्रिय होने से मध्यप्रदेश में भारी से अति भारी वर्षा हो रही है और आने वाले चार दिनों तक कई जिलों में तेज बारिश का दौर जारी रहेगा।
नर्मदापुरम में तवा डैम के गेट खोले, कई जगह झरने उफने
गुरुवार की तेज बारिश के बाद नर्मदापुरम स्थित तवा डैम के 13 में से 7 गेट खोलने पड़े। इससे आसपास के इलाकों में पानी का स्तर बढ़ गया। रतलाम जिले में प्रसिद्ध केदारेश्वर महादेव मंदिर का झरना इस सीजन में तीसरी बार बह निकला, जिसके कारण पूरा मंदिर परिसर पानी से भर गया। डिंडौरी और शिवपुरी जिलों में भी सुबह से लगातार बारिश होती रही, जिससे कई ग्रामीण और शहरी इलाकों में पानी भरने की स्थिति बन गई।
सामान्य से ज्यादा बारिश, औसत का 89% पूरा
मध्यप्रदेश में इस साल मानसून ने 16 जून को दस्तक दी थी। तब से अब तक राज्य में औसतन 33.1 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। जबकि सामान्य तौर पर इस अवधि तक सिर्फ 27 इंच पानी गिरना चाहिए था। यानी इस बार अब तक 6.1 इंच ज्यादा बारिश हो चुकी है। प्रदेश की सालाना औसत बारिश 37 इंच मानी जाती है, जिसके हिसाब से अब तक लगभग 89 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।