एमपी निगम-मंडल अध्यक्ष पद: पूर्व मंत्रियों और 5 विधायकों के नाम लगभग तय, एक ही फार्मूले से होंगी सभी नियुक्तियां

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By Raj RathorePublished On: August 21, 2025

मध्य प्रदेश में निगम और मंडल के अध्यक्ष पदों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी रणनीति लगभग तय कर ली है। सूत्रों के मुताबिक, इन अहम पदों के लिए पार्टी अपने कई वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों पर भरोसा जताने जा रही है। इस सूची में पूर्व मंत्रियों के साथ-साथ पांच विधायकों के नाम भी शामिल हैं। सभी नियुक्तियां एक ही फार्मूले के तहत की जाएंगी ताकि संगठन में संतुलन बना रहे।


30 अगस्त तक घोषित होंगी जिला कार्यकारिणी

प्रदेश भाजपा ने तय किया है कि राज्य की 63 जिला कार्यकारिणी समितियों की घोषणा इस महीने के अंत तक कर दी जाएगी। इसके लिए पहले ही जिला स्तर पर रायशुमारी की जा चुकी है और संगठन को पैनल सूची मिल चुकी है। इन सूचियों में जिला संगठन पदाधिकारी, जनभागीदारी समिति और नगरीय निकायों के एल्डरमैन पदों के नाम शामिल हैं।

जिला स्तर पर भी होंगे बड़े बदलाव

हर जिले की कार्यकारिणी का गठन नए ढांचे के आधार पर किया जाएगा। इसमें एक जिलाध्यक्ष की टीम में 8 उपाध्यक्ष, 3 जिला महामंत्री, 8 जिला मंत्री, 1 कोषाध्यक्ष और 1 कार्यालय मंत्री नियुक्त होंगे। इसके अलावा, संगठनात्मक मजबूती के लिए जिला मीडिया प्रभारी और जिला प्रवक्ता की भी नियुक्ति की जाएगी। इन नामों पर 21 से 25 अगस्त के बीच अंतिम चर्चा होगी और प्रदेश नेतृत्व जिलाध्यक्षों से रायशुमारी कर अंतिम निर्णय लेगा।

पूर्व मंत्रियों पर बीजेपी का भरोसा

निगम-मंडल अध्यक्ष पदों के लिए जिन नेताओं के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं, उनमें कई पूर्व मंत्री शामिल हैं। इनमें रामनिवास रावत, उमाशंकर गुप्ता, अरविंद भदौरिया, कमल पटेल और अंचल सोनकर के नाम प्रमुख हैं। संगठन का मानना है कि इन नेताओं का अनुभव और प्रशासनिक पकड़ पार्टी की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में कारगर साबित होगी।

विधायकों के नाम भी सूची में

भाजपा ने इस बार विधायकों को भी निगम-मंडल की जिम्मेदारियों में शामिल करने का मन बनाया है। लिस्ट में पांच विधायकों के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। इनमें यशपाल सिसौदिया, ध्रुव नारायण सिंह, केके त्रिपाठी, राकेश गिरी और दिलीप शेखावत के नाम सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि विधायकों को इन पदों पर मौका देने से संगठन और सरकार के बीच तालमेल और भी मजबूत होगा।

संगठन और सरकार के बीच तालमेल

भाजपा संगठन का कहना है कि निगम-मंडल और जिला कार्यकारिणी की नई नियुक्तियां संतुलन साधने वाली होंगी। इसमें न सिर्फ अनुभवी नेताओं बल्कि सक्रिय विधायकों को भी शामिल किया जाएगा। इससे सरकार और संगठन दोनों को फायदा होगा और आने वाले चुनावों की तैयारियों में मजबूती मिलेगी।