कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों के लिए लॉन्च किया रिपोर्टिंग एप, अब हर गतिविधि की दिल्ली से होगी मॉनिटरिंग

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By Raj RathorePublished On: August 21, 2025

मध्य प्रदेश में हाल ही में कांग्रेस संगठन ने नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। लेकिन नियुक्तियों के बाद से ही पार्टी के भीतर असंतोष और विवाद की स्थिति बनी हुई है। कई जगहों पर कार्यकर्ताओं और नेताओं ने विरोध भी दर्ज कराया। इसी वजह से अब प्रदेश कांग्रेस संगठन डैमेज कंट्रोल मोड में नजर आ रहा है। पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जिला स्तर पर संगठन मजबूत बने और नए अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाएं।


तकनीकी तरीके से होगी जिला अध्यक्षों की निगरानी

इस बार कांग्रेस ने संगठनात्मक गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए तकनीकी प्लेटफॉर्म का सहारा लिया है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने एक विशेष रिपोर्टिंग एप तैयार किया है, जिसमें हर जिला अध्यक्ष को रोज़ाना अपने काम का विवरण अपलोड करना होगा। इसमें संगठनात्मक बैठकों, जनसंपर्क अभियानों, धरना-प्रदर्शनों और पार्टी गतिविधियों से जुड़ी जानकारियां शामिल होंगी। यह प्रयोग कांग्रेस ने पहली बार मध्य प्रदेश से शुरू किया है। अगर यह सफल रहता है तो पार्टी की राष्ट्रीय इकाई एआईसीसी (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) इसे देश के अन्य राज्यों में भी लागू करने पर विचार करेगी।

जिला अध्यक्षों को मिलेगी विशेष ट्रेनिंग

कांग्रेस ने नए जिला अध्यक्षों की जिम्मेदारियों और उनकी कार्यशैली को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया है। इसके तहत 24 अगस्त को दिल्ली में सभी 71 नए जिलाध्यक्षों की ट्रेनिंग रखी गई है। इस प्रशिक्षण में उन्हें संगठनात्मक अनुशासन, बूथ स्तर तक पहुंच बनाने और पार्टी की रणनीति को आम जनता तक ले जाने के गुर सिखाए जाएंगे।

बड़े नेताओं की मौजूदगी

इस ट्रेनिंग सत्र में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौजूद रहेंगे। वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ नेताओं द्वारा भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी जिला अध्यक्षों को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान वे आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जिला अध्यक्षों को नई जिम्मेदारियों और रणनीतियों से अवगत कराएंगे।

कांग्रेस का नया प्रयोग

कांग्रेस का मानना है कि जिला अध्यक्ष पार्टी की रीढ़ होते हैं। वे जितने सक्रिय और प्रभावी रहेंगे, संगठन उतना ही मजबूत होगा। इसीलिए अब पार्टी ने परंपरागत तरीकों के बजाय तकनीक पर जोर दिया है। रिपोर्टिंग एप के माध्यम से न सिर्फ प्रदेश संगठन बल्कि दिल्ली स्तर पर भी हर जिले की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा सकेगी। इससे कार्य में पारदर्शिता आएगी और जो अध्यक्ष निष्क्रिय रहेंगे उनकी जवाबदेही तय होगी।