मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को एक अहम चेतावनी पत्र जारी किया है। पार्टी का कहना है कि हाल ही में संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां की गई थीं। इन नियुक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट और टिप्पणियां सामने आ रही थीं, जिन्हें पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। इसी के चलते अब सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे ऐसी गतिविधियों से दूर रहें।
सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के विरोध में डाले गए सभी पोस्ट तुरंत हटाए जाएं। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को 24 घंटे की समयसीमा दी है, जिसमें इन आपत्तिजनक या विरोधी पोस्ट्स को हटाना अनिवार्य है। संगठन ने चेताया है कि इस निर्देश का पालन न करने वालों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
विरोध और आरोपों से बढ़ी पार्टी की चिंता
दरअसल, कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए थे। सोशल मीडिया पर यह आरोप लगाए गए कि कुछ नियुक्तियों में सिफारिशें और पैसों का लेन-देन हुआ है। इन आरोपों ने संगठन की छवि पर असर डाला और प्रदेश नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी। इसीलिए पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्यकर्ताओं को चेतावनी पत्र जारी किया है।
अनुशासनहीनता पर होगी सख्त कार्रवाई
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया है कि पार्टी अनुशासन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि कोई कार्यकर्ता समय सीमा के भीतर अपने पोस्ट्स को नहीं हटाता है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इनमें निलंबन, पद से हटाना या भविष्य में संगठनात्मक गतिविधियों से बाहर करना शामिल हो सकता है। पार्टी का मानना है कि आंतरिक मतभेदों को सोशल मीडिया पर उछालने से जनता के बीच गलत संदेश जाता है।
पार्टी की छवि बचाने की कोशिश
मध्य प्रदेश कांग्रेस इस समय संगठन मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पार्टी नहीं चाहती कि अंदरूनी मतभेद सार्वजनिक हों और विपक्ष को मौका मिले। यही कारण है कि जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर उठी आवाज़ों को तुरंत दबाने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस का मानना है कि यदि कार्यकर्ता पार्टी मंच पर अपनी नाराजगी जताएं तो समाधान आसान होगा, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे फैलाना पार्टी के लिए नुकसानदेह है।