इंदौर में बीजेपी नगर अध्यक्ष ने सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव को लेकर विवादित टिप्पणी की। सुमित मिश्रा ने कहा कि महापौर की पत्नी दिन में कई बार वीडियो कॉल कर पूछती हैं कि वे कहाँ हैं और किसके साथ हैं, क्योंकि उन्हें शंका बनी रहती है।
मिश्रा की इस टिप्पणी को अब लोग सोशल मीडिया पर मीम्स बनाकर तेजी से फैला रहे हैं। बताया जाता है कि उन्होंने यह बयान रविवार को संजीवनी क्लिनिक के उद्घाटन समारोह में दिया था। उस समय महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी मंच के ठीक सामने मौजूद थे, जिससे वे असहज महसूस करने लगे।
वायरल वीडियो में नगर अध्यक्ष मिश्रा कहते नजर आ रहे हैं कि पुष्यमित्र जी को देखकर लगता है मानो ये फिल्मों में भी बिल्कुल फिट बैठते, हीरो जैसी पर्सनैलिटी है उनकी… सचमुच स्मार्ट सिटी के स्मार्ट महापौर।
उन्होंने आगे मजाकिया लहजे में कहा- दिन में 4 से 6 बार भाभी जी उनका वीडियो कॉल पर हालचाल लेती हैं—कहां हैं, किसके साथ हैं, किस कार्यक्रम में हैं। हमें तो महापौर जी पर पूरा विश्वास है, लेकिन उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि भाभी को कभी-कभी शंका हो जाती है कि कहीं महापौर जी इधर-उधर भटक न जाएं। आखिरकार, वो इतने स्मार्ट हैं कि कोई भी उन्हें आसानी से अपने बस में कर सकता है।
नगर अध्यक्ष ने आगे कहा कि महापौर जी पहले एक जाने-माने वकील रह चुके हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र का एक सिद्धांत बताते हुए कहा कि जिस तरह खराब मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है, वैसे ही राजनीति में भी होता है। जब राजनीति में बुरे लोग अधिक संख्या में आते हैं, तो अच्छे लोग इससे दूरी बनाने लगते हैं। उल्लेखनीय है कि इस मौके पर मंच पर मंत्री तुलसी सिलावट भी उपस्थित थे।
बागड़ी को सनातनी होने की मिल रही सजा…
नगर अध्यक्ष मिश्रा ने सोमवार को बयान देते हुए कहा कि भगवान गणेश के परम भक्त और लंबे समय से खजराना गणेश भक्त मंडल से जुड़े पूर्व पार्षद अरविंद बागड़ी का नाम अध्यक्ष पद से हटाकर कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सनातन, हिंदू धर्म और आस्था रखने वाले लोगों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखती है।
कांग्रेस, अरविंद बागड़ी को केवल उनके सनातन और हिंदू धर्म के प्रति गहरी आस्था रखने की कीमत चुकाने पर मजबूर कर रही है। इसी कारण उनकी जगह जिस व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया गया है, उसके खिलाफ शहर के चार थानों में 14 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। उस पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों से भेदभाव करने के आरोप लगे हैं, साथ ही वह धारा 307 का आरोपी भी है।