जर्मनी की कई प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार से मध्यप्रदेश के पांच दिवसीय दौरे की शुरुआत कर दी है। यह टीम राज्य के अलग-अलग जिलों का भ्रमण करेगी और यहां निवेश तथा तकनीकी सहयोग की संभावनाओं को तलाशेगी। इस प्रतिनिधिमंडल में टाइलर्स के स्टीवन रैनविक, टैलोनिक के निकोलस, स्टेएक्स की एलेक्सजेन्ड्रा मिकीटयूक, क्यू-नेक्ट-एजी के मटियास प्रोग्चा और क्लाउड-स्क्विड के फिलिप रेजमूश शामिल हैं।
टेक्नोलॉजी और नवाचार में विशेषज्ञता
ये कंपनियां दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा इंटीग्रेशन, वर्क-फ्लो ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस, एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर और डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग जैसी उन्नत तकनीकों के लिए जानी जाती हैं। प्रतिनिधिमंडल का मानना है कि इन तकनीकों के जरिए प्रदेश में कार्यरत स्टार्टअप्स और उद्यमियों को वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा सकता है।
सरकार का दावा– युवाओं को मिलेगा बड़ा अवसर
मध्यप्रदेश सरकार का कहना है कि जर्मन कंपनियों का अनुभव और टेक्नोलॉजिकल क्षमता प्रदेश के युवाओं और स्टार्टअप्स को नया मंच प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में अपने जर्मनी प्रवास के दौरान इन कंपनियों और निवेशकों को मध्यप्रदेश आने का न्योता दिया था। अब उनकी पहल पर ये प्रतिनिधि मंडल राज्य के दौरे पर है। सरकार का दावा है कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार और तकनीकी नवाचार को नई मजबूती मिलेगी।
ग्लोबल स्टार्टअप एक्सचेंज कार्यक्रम
प्रतिनिधिमंडल 18 से 22 अगस्त तक मप्र ग्लोबल स्टार्टअप एक्सचेंज कार्यक्रम में हिस्सा लेगा। इस दौरान मध्यप्रदेश और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी और सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कार्यक्रम से स्थानीय उद्यमों और जर्मन कंपनियों के बीच न केवल तकनीकी सहयोग बढ़ेगा बल्कि बिज़नेस-टू-बिज़नेस (B2B) नेटवर्किंग को भी मजबूत आधार मिलेगा।
इंदौर में कार्यशालाएं और सेमिनार
दौरे के तहत प्रतिनिधिमंडल इंदौर में विभिन्न तकनीकी सेमिनार और कार्यशालाओं में भाग लेगा। यहां IIT इंदौर के इनक्यूबेशन सेंटर का भी भ्रमण किया जाएगा, जहां विदेशी विशेषज्ञ स्थानीय स्टार्टअप्स से बातचीत करेंगे। इस दौरान नवाचार, उद्यमिता और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर गहन चर्चा होगी।
भोपाल में उच्चस्तरीय बैठकें
प्रतिनिधिमंडल का अगला पड़ाव भोपाल होगा, जहां उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और तकनीकी संस्थानों के साथ उच्चस्तरीय बैठकें होंगी। इसमें बी2बी बिज़नेस मीटिंग्स और तकनीकी साझेदारी को लेकर समझौते भी किए जाएंगे। सरकार को उम्मीद है कि इन मुलाकातों से न केवल निवेश बढ़ेगा बल्कि प्रदेश के उद्योगों को नई दिशा भी मिलेगी।