मध्यप्रदेश में कांग्रेस की नई जिला अध्यक्ष सूची पर घमासान, जगह-जगह नाराजगी और इस्तीफों का दौर शुरू

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By Raj RathorePublished On: August 17, 2025

मध्य प्रदेश में शनिवार को कांग्रेस ने नई जिला अध्यक्षों की सूची जारी कर दी। इसके साथ ही प्रदेशभर में विरोध की लहर दौड़ गई है। राजधानी भोपाल से लेकर उज्जैन और बुरहानपुर सहित कई जिलों में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने खुले तौर पर असंतोष व्यक्त करना शुरू कर दिया। कहीं सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई जा रही है तो कहीं इस्तीफा देने का दौर भी शुरू हो गया है।

भोपाल में प्रवीण सक्सेना की दोबारा ताजपोशी से बढ़ा विवाद

भोपाल जिला अध्यक्ष पद को लेकर सबसे ज्यादा असंतोष देखने को मिल रहा है। यहां प्रवीण सक्सेना को दूसरी बार जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस फैसले से पूर्व अध्यक्ष मोनू सक्सेना खासे नाराज हो गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा – “राहुल गांधी ने मांगा था संगठन सृजन, भोपाल में हुआ विसर्जन।” मोनू सक्सेना स्वयं भी जिला अध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहे थे, ऐसे में यह निर्णय उनके लिए निराशाजनक साबित हुआ है।

हेमंत पाटिल ने दिया इस्तीफा

सूची जारी होने के कुछ घंटों बाद ही इस्तीफे की शुरुआत हो गई। कांग्रेस जिला प्रवक्ता और राजीव गांधी पंचायत प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष हेमंत पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि यह असंतोष प्रदेशभर में अन्य जिलों तक भी फैल सकता है।

उज्जैन, सतना और बुरहानपुर में भी उठा विरोध

उज्जैन ग्रामीण जिला अध्यक्ष के रूप में महेश परमार की नियुक्ति का विरोध तेज हो गया है। वहीं, सतना जिले में सिद्धार्थ कुशवाहा को जिला अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ आवाज उठ रही है। बुरहानपुर में तो जिला अध्यक्ष की घोषणा के बाद अरुण यादव समर्थकों की एक गुप्त बैठक होने की जानकारी भी सामने आई है। इसके अलावा, अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों में मुस्लिम समुदाय से शहर अध्यक्ष नहीं बनाए जाने को लेकर भी नाराजगी गहराती जा रही है। कार्यकर्ताओं और स्थानीय पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जमकर विरोध जताया है।

विधायकों और पूर्व विधायकों की नियुक्ति पर आपत्ति

जारी की गई सूची में कांग्रेस ने 21 जिला अध्यक्षों को दोबारा जिम्मेदारी दी है। इसके अलावा 6 वर्तमान विधायक, 8 पूर्व विधायक, 4 महिलाओं, 10 अनुसूचित जनजाति (ST), 8 अनुसूचित जाति (SC), 12 अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और 3 अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं को अध्यक्ष बनाया गया है। इस सूची में सीईसी सदस्य ओंकार सिंह मरकाम, जयवर्धन सिंह, निलय डागा और महेश परमार जैसे दिग्गज नाम भी शामिल हैं। लेकिन सबसे अधिक असंतोष इस बात को लेकर उभरकर सामने आया है कि विधायकों और पूर्व विधायकों को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी क्यों दी गई, जबकि स्थानीय कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिला।