केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत मिलने वाली ब्याज सब्सिडी में बड़ी कटौती की है। पहले इस योजना में लाभार्थियों को गृह ऋण पर अधिकतम 2.67 लाख रुपये तक की ब्याज सब्सिडी मिलती थी, लेकिन अब यह घटाकर केवल 1.30 लाख रुपये कर दी गई है। इस बदलाव से आवेदकों को औसतन 37 हजार रुपये तक का कम लाभ मिलेगा, जिससे घर खरीदने या बनाने का सपना अब पहले की तुलना में ज्यादा महंगा हो जाएगा।
लोगों पर सीधा असर, बढ़ेगा लोन और ईएमआई का बोझ
बैतूल के इंदिरा वार्ड निवासी सुनील सिसौदिया बताते हैं कि वे पिछले महीने अपना घर बनाने की योजना बना रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि योजना से 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी, लेकिन अब सब्सिडी कम होने से उन्हें बैंक से अतिरिक्त लोन लेना पड़ेगा। इसका असर उनकी ईएमआई पर पड़ेगा, जो पहले से अधिक हो जाएगी, साथ ही कुल ब्याज भुगतान भी बढ़ जाएगा। इसी तरह, गृहिणी कविता का कहना है कि अब घर बनाना पहले जैसा आसान नहीं रहा। घटती सब्सिडी का मतलब है कि हमें अपनी जमा पूंजी से ज्यादा पैसा लगाना पड़ेगा।
लोगों को जोड़ने के लिए बैंकों में विशेष मेला
शहरी क्षेत्रों के पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाने के लिए नगर पालिका ने 25 बैंकों में सात दिवसीय विशेष मेला आयोजित किया है। इस मेले में ऐसे लोग, जो घर खरीदना या निर्माण करना चाहते हैं, बैंक से ऋण लेकर ब्याज सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मेले में बैंक अधिकारियों के साथ-साथ नगर पालिका के कर्मचारी और योजना से जुड़े परामर्शदाता भी मौजूद हैं, जो लाभार्थियों को पूरी प्रक्रिया समझा रहे हैं।
नई शर्तें, जिन पर रखना होगा ध्यान
सरकार ने योजना की शर्तों में भी बदलाव किए हैं, जो आवेदकों के लिए जानना जरूरी है:
• अधिकतम ब्याज सब्सिडी राशि: ₹1.30 लाख
• न्यूनतम ऋण राशि: ₹8 लाख
• ऋण अवधि: कम से कम 12 वर्ष
• 5 वर्ष तक ऋण जारी रखना अनिवार्य
• पांचवीं ब्याज किस्त तक 50% मूलधन खाते में शेष रहना जरूरी