MP Weather : मध्य प्रदेश में फिर से मौसम का मिजाज बदलने लगा है। 1 अगस्त से भारी बारिश की संभावना कम हो गई है। धीरे-धीरे बादल भी छटने लगे हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले चार-पांच दिन तक कोई भी मजबूत मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं होगी। जिससे तेज बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है।
कई नदियों का जलस्तर बढ़ा
हालांकि कई नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। कुछ जिलों और कई संभागों में हल्के से मध्यम बारिश कर दौर जारी रहेगा।
मौसमी चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव में शुक्रवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल में हल्की बारिश हो सकती है। शनिवार को उज्जैन, चंबल और ग्वालियर संभाग में बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है। कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
भारी बारिश की संभावना
जिन जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। उनमें उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर मालवा, रतलाम, मंदसौर, नीमच के अलावा मुरैना, भिंड, अशोक नगर, दतिया, गुना, शिवपुरी और ग्वालियर शामिल है।
वहीं कुछ जिलों में हल्की बारिश की भी संभावना जताई गई है। उमरिया, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पटना, दमोह, सागर, मैहर, पन्ना, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदा पुरम, बेतूल, हरदा, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना , अनूपपुर, शहडोल, झाबुआ, धार, अलीराजपुर और बड़वानी में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
सक्रिय मौसम प्रणाली
वर्तमान में सक्रिय मौसम प्रणाली की बात करें तो मानसून रेखा श्रीगंगानगर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। पहला साइक्लोनिक सर्कुलेशन दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश में 5 किलोमीटर ऊंचाई पर सक्रिय है जबकि दूसरा साइक्लोनिक सर्कुलेशन पश्चिम बंगाल से 7 किलोमीटर की ऊंचाई पर सक्रिय है। तीसरा साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर पश्चिम राजस्थान से डेढ़ किलोमीटर की ऊंचाई पर सक्रिय है। मध्य प्रदेश में अब सब औसत से 60% अधिक बारिश से दर्ज की गई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में 62% अधिक बारिश हुई है जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 55 प्रतिशत अधिक बारिश होगी।
जिलों में कम बारिश का कोटा
हालांकि जिन जिलों में कम बारिश का कोटा देखने को मिला है। उनमें इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, भोपाल, बुरहानपुर, जबलपुर और आगर मालवा शामिल है।