सावन के पावन महीने में रोज करें इस मंत्र का जाप, होंगे 12 ज्योतिर्लिंगों के पुण्य के भागी

सावन में शिवभक्त यदि द्वादश ज्योतिर्लिंगों के मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करें, तो उन्हें सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के बराबर पुण्य और शिव की कृपा प्राप्त होती है।

swati
Published:

सावन का महीना सनातन धर्म में अत्यंत पावन माना गया है। यह समय भगवान शिव की विशेष आराधना का है। मान्यता है कि सावन शिव का प्रिय महीना है, जिसमें की गई भक्ति शीघ्र फलदायक होती है। वास्तव में, शिव और सावन जैसे एक ही सूत्र में पिरोए हुए हैं, एक के बिना दूसरे की कल्पना भी अधूरी लगती है। यही कारण है कि इस माह में शिवलिंग पर जल चढ़ाना, रुद्राभिषेक करना और व्रत रखना विशेष पुण्यदायी माना जाता है।

धार्मिक यात्रा न कर पाने वालों के लिए विशेष उपाय

हर भक्त शिवधाम की यात्रा करके उनकी आराधना करना चाहता है, लेकिन स्वास्थ्य, समय या अन्य व्यक्तिगत कारणों से कई लोग यह इच्छा पूर्ण नहीं कर पाते। ऐसे भक्तों के लिए सनातन धर्म में एक सुंदर विकल्प बताया गया है, एक विशेष मंत्र का जाप। यह मंत्र इतना प्रभावशाली है कि इसका नित्य स्मरण करने मात्र से 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के बराबर फल प्राप्त होता है।

वह चमत्कारी मंत्र जो दिलाए द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पुण्य

शास्त्रों में वर्णित यह मंत्र इस प्रकार है:

उज्जयिन्यां महाकालं ओंकारंममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥

इस मंत्र में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों का स्मरण किया गया है। यह वे पवित्र स्थल हैं जहाँ शिव स्वयं ज्योति रूप में प्रकट हुए थे। इन स्थलों पर स्थापित शिवलिंगों को स्वयंभू माना जाता है और हर स्थल की अपनी विशेष महिमा है।

द्वादश ज्योतिर्लिंगों की सूची

इस मंत्र में जिन 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख है, वे हैं:

  • सोमनाथ – सौराष्ट्र, गुजरात
  • मल्लिकार्जुन – श्रीशैल, आंध्र प्रदेश
  • महाकालेश्वर – उज्जैन, मध्य प्रदेश
  • ओंकारेश्वर – मध्य प्रदेश
  • वैद्यनाथ – परली, महाराष्ट्र या देवघर, झारखंड (दोनों मान्य हैं)
  • भीमाशंकर – महाराष्ट्र
  • रामेश्वर – तमिलनाडु
  • नागेश्वर – द्वारका, गुजरात
  • विश्वेश्वर – वाराणसी, उत्तर प्रदेश
  • त्र्यम्बकेश्वर – नासिक, महाराष्ट्र
  • केदारनाथ – उत्तराखंड
  • घृष्णेश्वर – महाराष्ट्र

इन सभी ज्योतिर्लिंगों का नाम स्मरण करने से ही अनेक जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, ऐसा शास्त्रों में कहा गया है।

मंत्र जाप की विधि और समय

इस मंत्र का जाप आप प्रातःकाल या संध्या समय कर सकते हैं। दीपक जलाकर, शांत और स्वच्छ वातावरण में इसका जाप शुभ फलदायी होता है। आप इस मंत्र का जाप 11, 21, 31, 51 या 108 बार कर सकते हैं। यदि प्रतिदिन इसका एक बार भी श्रद्धा से उच्चारण किया जाए, तो भी यह अत्यंत फलदायक होता है। ध्यान रखें कि जाप करते समय शरीर और मन दोनों की पवित्रता बनी रहनी चाहिए।

आस्था और श्रद्धा से मिलेगी शिव की कृपा

धार्मिक यात्राएं करना एक अद्भुत अनुभव होता है, लेकिन जब वह संभव न हो तो श्रद्धा और आस्था से किया गया मंत्र जाप भी उतना ही फलदायी हो सकता है। सावन के इस पावन अवसर पर यदि आप नित्य इस मंत्र का जाप करते हैं, तो शिव की कृपा आप पर अवश्य होगी और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होगा।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।