सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। इस महीने में शिव भक्त भगवान शिव की उपासना करते हैं। यह महीना सबसे पवित्र महीना माना जाता है। शिव भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, जल, भस्म, धतूरा आदि अर्पित करते हैं। लेकिन भक्तों को कुछ खास बात का इस समय ध्यान रखना होता है कि आपको किस तरह के बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करने हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
बेलपत्र शुद्ध हो
शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाला बेलपत्र स्वच्छ और ताजा होना चाहिए। गलती से भी शिवजी पर मुरझाया या कीट लगा हुआ बेलपत्र नहीं चढ़ाना है। यह बेलपत्र शिवजी की पूजा में वर्जित माना जाता है। इस बात का खास ध्यान रखें।

तीन पत्तियों वाला बेलपत्र
शिवजी पर चढ़ाए जाने वाला बेलपत्र तीन पत्तियों वाला ही होना चाहिए। इसमें तीन पत्तियां जुड़ी हुई होनी चाहिए। यह त्रिदेवों और त्रिगुणों का प्रतीक होता है साथ ही इसको शिवजी पर चढ़ाने पर लाभदाई फल मिलते हैं।
बेलपत्र फटा ना हो
शिवजी पर चढ़ाए जाने वाला बेलपत्र कटा या फटा नहीं होना चाहिए या इसमें में किसी प्रकार का छेद या चीरा लगा हुआ नहीं होना चाहिए क्योंकि यह बेलपत्र शिवजी की पूजा में वर्जित माना जाता है।
बिना डंठल वाला बेलपत्र चढ़ाए
शिवजी पर चढ़ाए जाने वाला बेलपत्र बिना डंठल का होना चाहिए। जिससे कि शिवजी प्रसन्न हो सके। मान्यता है कि बिना डंठल वाला बेलपत्र शिवजी को बेहद प्रिय है। इस बात का खास ध्यान रखें।
सावन महीने की शुरुआत
सावन महीने का शुभारंभ 10 जुलाई से शुरू होगा और 8 अगस्त को समाप्त होगा। इस 1 महीने के अंतराल में शिव भक्त भगवान शिव की उपासना व्रत और पूजा पाठ करेंगे। शिव भक्तों के लिए यह महीना बेहद पावन और पवित्र होता है।