6 जुलाई 2025, रविवार की सुबह 5:55 बजे सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इस दौरान सूर्य मिथुन राशि में स्थित रहेंगे और बृहस्पति (गुरु) के साथ युति बनाएंगे। पुनर्वसु नक्षत्र के स्वामी भी गुरु हैं, जो ज्ञान, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के प्रतीक माने जाते हैं।
सूर्य की तेजस्विता जब गुरु की सूझबूझ और सकारात्मक ऊर्जा से मिलती है, तो यह समय एक शक्तिशाली संयोजन लेकर आता है। यह बदलाव विशेष रूप से कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभ रहेगा और उनके जीवन में नए अवसर, आत्मविश्वास और तरक्की के द्वार खोल सकता है।

मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर तीसरे भाव में हो रहा है, जो साहस, भाई-बहन, संचार और छोटी यात्राओं का प्रतीक होता है। इस समय आपको अंदर से गजब की ऊर्जा महसूस होगी, जिससे आपके विचार स्पष्ट और प्रभावशाली बनेंगे। जो लोग नई स्किल्स सीखने या कोई शॉर्ट टर्म कोर्स करने का मन बना रहे हैं, उनके लिए यह आदर्श समय है। भाई-बहनों के साथ संबंध मधुर होंगे और सामाजिक गतिविधियों में भी भागीदारी बढ़ेगी। हालांकि, किसी भी निर्णय में जल्दबाज़ी से बचें और अपने विचारों को रचनात्मक दिशा दें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य का यह गोचर प्रथम भाव में हो रहा है, जो व्यक्ति के स्वभाव, स्वास्थ्य और आत्म-छवि से जुड़ा होता है। सूर्य की मौजूदगी आपको प्रखर आत्मविश्वास और आकर्षक व्यक्तित्व देगी। लोग आपकी बातों को गंभीरता से लेंगे और आपके नेतृत्व कौशल को सराहेंगे। गुरु की युति निर्णयों में गहराई और संतुलन जोड़ेगी, जिससे आप अपने करियर या व्यक्तिगत जीवन में मजबूत फैसले ले सकेंगे। यह समय एक नई शुरुआत के लिए आदर्श है, लेकिन ध्यान रखें कि आत्म-प्रशंसा या घमंड आपकी छवि को नुकसान न पहुंचाए।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए यह गोचर 11वें भाव को प्रभावित करेगा, जो आय, लाभ और सामाजिक संबंधों से संबंधित है। यह अवधि आपकी इच्छाओं की पूर्ति और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने वाली हो सकती है। किसी पुराने प्रयास का फल अब मिल सकता है, और दोस्तों या सहकर्मियों का सहयोग आपकी योजनाओं को सफल बना सकता है। गुरु की मौजूदगी आपके सामाजिक संबंधों में गहराई लाएगी और आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी। यह समय दूसरों के साथ अपने संसाधनों को बांटने का भी है – जितना आप देंगे, उतना अधिक प्राप्त होगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए सूर्य का यह गोचर 10वें भाव में हो रहा है, जो आपके प्रोफेशन, प्रतिष्ठा और जिम्मेदारियों से जुड़ा होता है। इस समय आपको करियर में विशेष पहचान और प्रशंसा मिल सकती है। पदोन्नति, नई भूमिका या नए प्रोजेक्ट्स में सफलता मिलने के संकेत हैं। गुरु की युति आपके फैसलों को परिपक्वता और दूरदृष्टि प्रदान करेगी, जिससे आप अपने नेतृत्व में दूसरों को भी प्रभावित करेंगे। कार्यस्थल पर सहकर्मियों से अच्छा तालमेल बनाए रखना इस समय को और अधिक सफल बना सकता है। अहंकार से दूर रहें और हर अवसर का सम्मान करें।
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