पुरानी प्रणाली पर ही होंगे नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन, विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में लिया गया बड़ा फैसला

प्रदेश के सभी सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेजों में इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया पूर्ववत संचालित की जाएगी, जबकि भविष्य के लिए INC गाइडलाइंस के आधार पर सुधार प्रस्ताव तैयार करने हेतु समिति गठित की गई है।

Abhishek Singh
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पुरानी प्रणाली पर ही होंगे नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन, विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में लिया गया बड़ा फैसला

प्रदेश के सभी सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेजों में इस वर्ष भी प्रवेश प्रक्रिया पहले की तरह ही संचालित की जाएगी। विभाग ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए जल्द से जल्द प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए हैं। साथ ही, भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एच.एन.बी. चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) की गाइडलाइंस के अनुरूप ठोस सुझाव तैयार कर शासन को प्रस्तुत करेगी।

धन सिंह रावत की अध्यक्षता में मंथन

राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज दून मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के अधिकारी, निजी नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन के प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हुए।

बैठक के दौरान मंत्री डॉ. रावत ने अब तक नर्सिंग पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू न होने पर विश्वविद्यालय और शासन को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने इसे छात्रों के भविष्य के साथ गंभीर लापरवाही करार देते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी तरह की उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

50-50 फार्मूले की वकालत, खाली सीटें खुद भरने की रखी मांग

निजी नर्सिंग कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने बैठक में सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के माध्यम से आयोजित प्रवेश परीक्षा से उनकी 50% सीटें भी भर पाना मुश्किल हो रहा है। इसलिए पूर्व की व्यवस्था के तहत एसोसिएशन को 50% सीटें स्वयं भरने की अनुमति दी जाए, जबकि बाकी 50% सीटें विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश प्रक्रिया से आवंटित की जाएं। इसके अतिरिक्त, यदि कुछ सीटें फिर भी रिक्त रह जाती हैं, तो उन्हें भी निजी संस्थान भर सकें – ऐसी मांग रखी गई।

इस पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओंकार सिंह ने स्पष्ट किया कि नियमों के अनुसार तीन चरणों की काउंसलिंग के बाद भी खाली रहने वाली सीटें निजी कॉलेज न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के आधार पर स्वयं भर सकते हैं, और यह प्रावधान पहले से ही अधिनियम में मौजूद है।

समय सीमा को ध्यान में रखते हुए त्वरित निर्णय

सभी पक्षों की बातें सुनने के बाद मंत्री डॉ. रावत ने निर्णय लिया कि समय की सीमाओं को देखते हुए इस वर्ष नर्सिंग में प्रवेश प्रक्रिया पहले की तरह ही संचालित की जाएगी, ताकि छात्रों को समय पर दाखिला मिल सके। वहीं, अगले सत्र से प्रवेश प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की जाएगी, जिसमें दो सदस्य निजी नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन से होंगे। यह समिति इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) की गाइडलाइंस के अनुरूप शासन के लिए नई प्रवेश नीति का प्रस्ताव तैयार करेगी।