सावन माह की शुरुआत से पहले उज्जैन के धार्मिक संगठनों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि महाकाल मंदिर मार्ग पर स्थित सभी होटलों और रेस्टोरेंटों के बाहर मालिक का नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाए।
धार्मिक संगठनों का कहना है कि कई होटलों का संचालन मुस्लिम व्यवसायियों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन उनके नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए हैं। ऐसे में सावन जैसे पवित्र माह में जब लाखों श्रद्धालु उज्जैन आते हैं, तो उन्हें यह पता नहीं चल पाता कि वे किस स्वामी की दुकान पर भोजन कर रहे हैं। कई बार उन्हें अनजाने में मांसाहारी भोजन परोसा जाता है, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है और श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।

स्पष्ट पहचान से बढ़ेगा भरोसा, घटेगा भ्रम
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के पदाधिकारी महेश पुजारी ने कहा कि कई बार श्रद्धालु जानकारी के अभाव में किसी भी होटल में भोजन कर लेते हैं, और यदि वहां मांसाहारी भोजन परोसा जाए तो विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे भ्रम की स्थिति से बचने के लिए प्रत्येक होटल और ढाबे पर मालिक का नाम नेम प्लेट पर स्पष्ट रूप से लिखा जाना आवश्यक है।
600 से अधिक होटल-रेस्टोरेंट, 200 पर मुस्लिम संचालकों की कमान
हिंदूवादी नेता रितेश माहेश्वरी ने कहा कि मंदिर क्षेत्र में लगभग 600 होटल और रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 200 से अधिक मुस्लिम संचालकों के अधीन हैं। उन्होंने बताया कि कई दुकानों के नाम ऐसे हैं, जो हिंदू संचालक होने का आभास देते हैं। अक्सर भक्तों द्वारा भोजन में हड्डी या मांसाहारी सामग्री मिलने की शिकायतें सामने आती हैं। ऐसे में हर दुकान के बाहर मालिक का नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना आवश्यक है, ताकि श्रद्धालुओं को भ्रम की स्थिति से बचाया जा सके।